बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से, विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति, हंगामेदार हो सकता है सत्र
By एस पी सिन्हा | Published: July 25, 2021 07:18 PM2021-07-25T19:18:48+5:302021-07-25T19:24:45+5:30
बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 30 जुलाई तक चलेगा। इस बार का सत्र कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेहद संक्षिप्त सत्र में केवल 5 बैठकों की योजना है।
पटनाः बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 30 जुलाई तक चलेगा। इस बार का सत्र कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेहद संक्षिप्त सत्र में केवल 5 बैठकों की योजना है। इस दौरान सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है। राज्य में कोरोना काल के दौरान चिकित्सा व्यवस्था, तीसरी लहर को लेकर तैयारी, युवाओं को रोजगार, जातिगत जनगणना, बाढ़, आपराधिक घटनाओं में बढोतरी जैसे कई मुद्दों पर विपक्ष प्रमुखता के साथ सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
सत्र को लेकर विधानमंडल में विशेष रूप से विधायकों के साथ बैठक बुलाई गई थी ताकि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा सके। पिछली बार बजट सत्र के दौरान विधानसभा में कई बार अप्रिय माहौल बना था। विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के आरोप भी झेलने पड़े थे। दोनों खेमों में तालमेल बनाकर सदन चलाने में इस बार भी विधानसभा अध्यक्ष को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो चुका है। इसे सामान्य करने की कोशिश की जा सकती है। वहीं, विधानसभा में विधायकों की पिटाई पर हुई कार्रवाई को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि केवल ’आईवॉश’ किया गया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। इस मामले में बडे़ अधिकारियों को बचाने का काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि नालंदा मॉडल के अधिकारी एवं सफेद दाढ़ी बाल वाले एमएलसी संपर्क में थे। विधायकों की पिटाई कराने में यह लोग शामिल हैं। सभी लोगों ने उनके द्वारा विधायकों की पिटाई करवाई गई। इसका फुटेज भी हमारे पास है। इस घटना में 50 से 100 पुलिसकर्मी और अधिकारी मौजूद थे, लेकिन सिर्फ दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करना केवल आईवॉश है। तेजस्वी ने कहा कि दो सिपाहियों पर कार्रवाई कर आईवॉश से काम नहीं चलने वाला। उन्होंने कहा कि बडे़ अधिकारियों की विधायकों की पिटाई में भूमिका थी, जबकि बलि का बकरा तलाशते हुए दो सिपाहियों के ऊपर कार्रवाई कर दी गई। यह सब नहीं चलने वाला है।
वहीं जातीय जनगणना की मांग पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा और आरएसएस के सामने बोल नहीं सकते हैं। केंद्र के सहयोगी दल के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। यदि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो उन्हें अपने खर्च पर कराना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना की मांग कर दिखावा ना करें। वह सरकार के अंग हैं और भाजपा के साथ मिलकर अगर सरकार चला रहे हैं तो उन्हें जातीय जनगणना सुनिश्चित करनी चाहिए। उधर, पेट्रोल डीजल के दाम पर गौर नहीं करने के मुख्यमंत्री के बयान पर उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी केंद्र से तीन गुनी हो गई है। बिहार सबसे अधिक कोरोना वैक्सीन बर्बाद करनेवाला राज्य बन गया है, लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं है।
इस बीच विधानमंडल के मानसून सत्र को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई है। जिला प्रशासन ने विधानसभा के आसपास 35 मजिस्ट्रेट और 700 पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। मजिस्ट्रेट की तैनाती 26 से 30 जुलाई तक सुबह साढे आठ बजे से सत्र की समाप्ति तक रहेगी। विधानमंडल के आसपास धारा-144 लागू कर दी गई है। विधानमंडल के आसपास पांच या पांच से अधिक लोगों का जमावड़ा वर्जित है। इसके दो किलोमीटर के दायरे में किसी संगठन का धरना-प्रदर्शन, जुलूस, हथियार प्रदर्शन, घेराव प्रतिबंधित किया गया है। इस दौरान बगैर अनुमति के लाउडस्पीकर बजाना भी प्रतिबंधित किया गया है। सत्र के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर विधानसभा जाने वाले सभी रास्तों पर वरीय मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है, यह सब पिछली बार विधानसभा में हुई घटना को देखते हुए किया जा रहा है। पूर्व की घटनाओं की तरह पुनरावृत्ति ना हो इसे लेकर सभी मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों को अलर्ट किया गया है।