बिहारः शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में दोनों सदनों की कार्यवाही चढ़ी हंगामे की भेंट
By एस पी सिन्हा | Published: July 19, 2019 05:33 PM2019-07-19T17:33:17+5:302019-07-19T17:33:17+5:30
नियोजित शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष ने आज खूब हंगामा किया और इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए सरकार पर गरीबों और शिक्षकों का दमन करने का आरोप लगाया.
बिहार की राजधानी पटना में नियोजित शिक्षकों पर गुरुवार को हुए लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार (19 जुलाई) को विपक्ष ने विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही बाधित रही. विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गए. विधान परिषद में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी नीतीश सरकार पर हमलावर दिखीं. वह आज पहली बार सदन के वेल में पहुंच गईं और सरकार पर महिला शिक्षकों की पिटाई पर नाराजगी जताई.
नियोजित शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर विपक्ष ने आज खूब हंगामा किया और इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए सरकार पर गरीबों और शिक्षकों का दमन करने का आरोप लगाया. विधानसभा की कार्यवाही पांच मिनट ही चल सकी. विपक्षी पार्टियों ने लगातार इस मामले को लेकर वेल में आकर नारेबाजी की. सदन के बाहर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा.
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि नीतीश सरकार शिक्षकों का दमन कर रही है. शिक्षकों पर लाठीचार्ज करवाना निंदनीय है. सरकार को जख्मी शिक्षकों का फ्री में इलाज करवाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राजद की सरकार बनेगी तो शिक्षकों की हर मांग को हम पूरी करेंगे. वहीं जदयू नेता ने कहा कि शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की सरकार जांच कराएगी, जो लोग दोषी होंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि शिक्षकों पर हुआ लाठीचार्ज ठीक नहीं है. घटना में कई लोग घायल हैं. यह सरकार 2005 से ही शिक्षकों और कर्मचारी पर लाठीचार्ज कराती रही है. इस सरकार का काम केवल घोषणा करना है.
उन्होंने कहा कि कल की घटना में महिला टीचर पर भी लाठीचार्ज हुआ है. जनता सब देख रही है. शिक्षकों की मांग जायज है. वहीं, भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा कि शिक्षकों को भी रोड़ा-पत्थर नहीं चलाना चाहिए थी. यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. शिक्षकों की मांग को सरकार हमेशा से सुनती आई है. लेकिन मांगों को लेकर उनलोगों का उपद्रव करना सही नहीं है.
वहीं, विधान परिषद में नवल किशोर यादव ने इंटर, मैट्रिक की कॉपियों की जांच करने वाले शिक्षकों को पारिश्रमिक नहीं दिए जाने पर सवाल उठाया और उन्हें पारिश्रमिक देने की मांग की, जिसका सीपीआई नेता संजय कुमार ने भी समर्थन किया. कांग्रेस नेता नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों पर लाठीचार्ज करवाया गया जो सही नहीं है, वहीं उन्होंने कहा कि छपरा में मॉब लिंचिंग की घटना हुई है. इन दोनों मामलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तो इस्तीफा दे देना चाहिए.