बिहार: मंत्री तेज प्रताप की बैठक में शामिल हुए लालू यादव के दामाद, तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने उठाए सवाल
By विनीत कुमार | Published: August 19, 2022 10:20 AM2022-08-19T10:20:17+5:302022-08-19T10:26:10+5:30
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को लेकर भाजपा लगातार हमलावर है। ताजा विवाद मंत्री तेज प्रताप यादव की बैठक में लालू यादव के दामाद के शामिल होने को लेकर सामने आया है।
पटना: बिहार में नीतीश कुमार के राजद-कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों से गठबंधन कर सरकार बनाने के बाद से भाजपा लगातार मुख्यमंत्री पर हमलावर है। हाल की कुछ घटनाओं के बाद भाजपा की ओर से बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि राज्य में 'जंगलराज' की वापसी हो गई है। इन सबके बीच एक नया विवाद सामने आ गया है।
दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद शैलेश कुमार बिहार के मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा बुलाई गई एक आधिकारिक बैठक में शामिल हुए। तेजप्रताप यादव वर्तमान में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन का विभाग संभाल रहे हैं। बैठक में राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती के पति की मौजूदगी की तस्वीरें सामने आने के बाद भाजपा ने एक बार फिर राज्य सरकार पर हमला बोला है। राज्य में प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें शैलेश कुमार शामिल हुए थे।
बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए बिहार बीजेपी प्रवक्ता और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने तंज कसते हुए कहा, 'बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव को हल्के में न लें। हमारे भाई शैलेश भी उनके साथ बैठे हैं। मुझे यकीन है कि शैलेश जी राजद के सभी मंत्रियों से अधिक चतुर और प्रतिभाशाली हैं। शैलेश जी का आशीर्वाद मिलने पर तेज प्रताप यादव सर्वश्रेष्ठ मंत्री साबित होंगे।'
बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री तेज प्रताप यादव को कोई हल्के में ना ले। हमारे भाई शैलेश जी भी साथ बैठे हैं।
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) August 18, 2022
मेरा दावा है कि राजद के सभी मंत्रियों से शैलेशजी ज्यादा समझदार- ज्ञानी- टैलेंटेड जरूर हैं। शैलेश भाई का आशीर्वाद रहा तो तेज प्रताप सबसे बेस्ट मिनिस्टर साबित होंगे। pic.twitter.com/vXjnDd2e7b
चूंकि शैलेश कुमार के पास कोई आधिकारिक पद नहीं है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि वह एक मंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में क्यों शामिल हुए।
बता दें कि बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद से ही कई विवादों से घिर गई है। बिहार के विधि मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर खासकर खूब सवाल उठे। उनके खिलाफ 14 जुलाई को अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था जबकि वह मंत्री बना दिए गए। वहीं, हाल के दिनों में बिहार में हुई कुछ आपराधिक घटनाओं को लेकर भी नीतीश सरकार सवालों के घेरे में है।
वहीं, मुख्यमंत्री कुमार ने जंगलराज लौटने के भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए इससे पहले कहा था कि सिंह पर लगे रहे आरोपों को देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘जिसको जो मन में आता है बोलने दीजिए, जब जरूरत होगी तो सारी बात बोलेंगे। प्रचार-प्रसार में लोग बोलते हैं, इसका कोई मतलब नहीं है।’