Kurhani Bypoll Results 2022: गोपालगंज के बाद कुढ़नी में जदयू-राजद की हार, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नीतीश और तेजस्वी को झटका
By एस पी सिन्हा | Published: December 8, 2022 04:52 PM2022-12-08T16:52:48+5:302022-12-08T16:53:51+5:30
Kurhani Bypoll Results 2022: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को बिहार की राजनीति में सेमीफाइनल माना जा रहा है।
Kurhani Bypoll Results 2022: बिहार की सियासत के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास रहा। कारण कि कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चारों खाने चित कर दिया। एनडीए का साथ छोड़ने के बाद महागठबंधन के साथ गए नीतीश को अपने दमखम पर ज्यादा भरोसा था, जिसे भाजपा ने करारी शिकस्त दे दी।
कुढ़नी में भाजपा उम्मीदवार केदार गुप्ता ने जदयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा को 3645 वोटों से मात दी है। इसतरह से कुढ़नी के रण में नीतीश कुमार की पार्टी चारों खाने चित्त हो गई। भाजपा उम्मीदवार केदार गुप्ता को कुल 76648 वोट मिले, जबकि जदयू के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को 73016 वोट मिले।
कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को बिहार की राजनीति में सेमीफाइनल
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के पहले कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव को बिहार की राजनीति में सेमीफाइनल माना जा रहा है। अनिल सहनी की सदस्यता खत्म होने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा ने कुढ़नी के रण में चाचा-भतीजा की जोड़ी को परास्त कर दिया। इस चुनाव के परिणाम का इंतजार बिहार के राजनेताओं के साथ-साथ पूरी जनता को थी।
2020 विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट पर राजद प्रत्याशी अनिल सहनी की जीत हुई थी। भाजपा के उम्मीदवार केदार गुप्ता लगभग 700 मतों से हार गए थे। लेकिन भाजपा ने एकबार फिर से इस सीट पर अपना अपना जलवा दिखा दिया है। कुढ़नी के चुनावी मैदान में भाजपा और जदयू के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।
कुढ़नी की जनता को धन्यवाद दिया
वीआईपी और एआईएमआईएम ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन दोनों ही पार्टियों की हालत खराब हो गई। कुढ़नी में केदार गुप्ता की जीत के बाद भाजपा के नेता मुख्यमंत्री नीतीश के इस्तीफे की मांग रहे हैं। इसबीच बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने इस जीत के लिए कुढ़नी की जनता को धन्यवाद दिया है।
उन्होंने कहा कि कुढ़नी विधान सभा की महान जनता और भाजपा के देव दुर्लभ कार्यकर्त्ताओं को ऐतिहासिक जीत पर हृदय से आभार और हार्दिक शुभकामनाएं। माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के जनता के प्रति सत्यनिष्ठा, आदर्श और सिद्धांत की जीत है।
बिहार में लंबे समय से एकसाथ चल रहे जदयू और भाजपा ने दूसरी बार एक दूसरे का साथ छोड़ दिया। जदयू ने भाजपा का साथ छोड़कर खुद को एनडीए से अलग कर लिया। इस तरह डबल इंजन की सरकार से एक इंजन अलग हो गया। जदयू राजद के साथ मिलकर महागठबंधन का हिस्सा बन गई।
भाजपा और नीतीश-लालू गठबंधन को लेकर जनता का मिजाज
नीतीश कुमार के नेतृत्व में सूबे में नयी सरकार बनी और भाजपा देखते ही देखते सत्ता से बेदखल होकर विपक्षी पार्टी बन गई। कुढ़नी का जो परिणाम आया है, इस उपचुनाव के परिणाम राजनीतिक दलों को नये सिरे से गणित बैठाने को बाध्य करेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले किसी दल को यह जानना हो कि विश्वसनीयता खो चुके किसी नेता को वोटर कैसे सबक सिखाते हैं, तो वह कुढ़नी का रुख कर सकते हैं।
कुढ़नी जनता की नजरों से गिर चुके राजनेताओं को सबक सिखा दिया है। बिहार में नयी सरकार बनी तो भाजपा ने जदयू को ही निशाने पर लिया तो दूसरी तरफ जदयू भी भाजपा पर हमलावर रही। बात पिछले दो उपचुनावों की करें तो महागठबंधन सरकार बनने के बाद पहली बार सूबे में कोई चुनाव हो रहा था। इस चुनाव के जरिये भाजपा और नीतीश-लालू गठबंधन को लेकर जनता का मिजाज भांपा जा रहा था। हालाकि चुनाव परिणाम सामने आया तो महागठबंधन पर भाजपा भारी पडता दिखाई दे रही है।