बिहार: चुनाव में आपराधिक इतिहास वाले लोगों को उम्मीदवार बनाना नहीं होगा आसान, चुनाव आयोग को देने होंगे इस सवाल के जवाब
By एस पी सिन्हा | Published: June 30, 2020 03:51 PM2020-06-30T15:51:14+5:302020-06-30T15:51:14+5:30
बिहार में 150 रजिस्टर्ड दलों को निर्वाचन विभाग ने चिट्ठी लिखी है. इसके अलावे राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 2543 दलों को भी पत्र भेजा गया है.
पटना: बिहार में पहले से ही अपराधिक मुकदमें वाले नेताओं का टिकट देने का सभी पार्टियों का पुराना इतिहास रहा है. लेकिन अब बिहार विधानसभा के होने वाले चुनाव में अब सभी दलों को यह बताना पड़ेगा कि आखिर किस वजह से उन्होंने आपराधिक मुकदमें वाले नेताओं को चुनाव में टिकट दिया है.
ऐसे में कई नेताओं का पत्ता साफ होना इस विधानसभा चुनाव में तय है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इसको लेकर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए यह प्रावधान लागू कर दिया है.
बिहार में 150 रजिस्टर्ड दलों को निर्वाचन विभाग ने चिट्ठी लिखी है. इसके अलावे राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 2543 दलों को भी पत्र भेजा गया है.
इसके बारे में चुनाव आयोग का कहना है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी पार्टियों को पत्र लिखा गया है. यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार लागू हो रहा है.
पार्टियों को बताना होगा कि आपराधिक मामले दर्ज नेताओं को उम्मीदवार बनाने का क्या कारण था. इसके अलावे 48 घंटे में समाचार पत्रों में इसकी सूचना देनी होगी.