बिहार में स्वास्थ्य विभाग का कारनामाः मृत डॉक्टर को बनाया शेखपुरा का सिविल सर्जन, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: March 9, 2021 03:55 PM2021-03-09T15:55:47+5:302021-03-09T20:21:52+5:30
बिहार में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई। मृत डॉक्टर को शेखपुरा का सिविल सर्जन बना दिया। विधानमंडल के दोनों सदनों में मामला उठा।
पटनाः बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अपने एक फैसले से सबको चौंका दिया है। सोमवार को राज्य के 12 जिलों में नए सिविल सर्जनों की तैनाती की है।
विभाग ने शेखपुरा में जिस नए सिविल सर्जन की तैनाती की है, उनका देहांत भी हो गया है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई है। ऐसे में विधानसमंडल की कार्यवाही के दौरान मृत डॉक्टर को सिविल सर्जन के पद पर पदस्थापित किये जाने का मामला दोनों सदनों में उठा।
जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ विधानसभा में राजद विधायक राकेश रोशन ने सदन में यह मामला उठाया और कहा कि यह गंभीर मामला है। उधर, विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में यह मामला उठा और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने विधान परिषद में कहा कि तबादले की प्रक्रिया विभाग में बहुत लंबी होती है। इसके बावजूद इस मामले की जानकारी होते ही तबादले की प्रक्रिया में शामिल जिम्मेदार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह जो मामला है वह गंभीर है। मंगल पांडेय ने कहा कि जब सिविल सर्जन की पदस्थापना की संचिका बनती है उसे बनने में 20 दिन से लेकर 1 माह तक का समय लगता है। इसलिए इसकी प्रकिया पहले ही शुरू हो गई थी. हालांकि कल जैसे ही अधिसूचना जारी हुई, उसके बाद पता चाल की शेखपुरा में जिनका पदस्थापन किया गया है, उनकी मृत्यु हो गई है।
इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए वहां दूसरे सिविल सर्जन की नियुक्ती कर दी गई है। वहीं इस मामले में दोषी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसकी जांच कराई जा रही है और जो भी इस में दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, डॉ. रामनारायण राम को शेखपुरा में सिविल सर्जन पद पर तैनात किया गया है. लेकिन डॉ. रामनारायण राम का निधन एक महीना पहले ही हो चुका है। वह भोजपुर जिले में पदस्थापित थे, पिछले महीने वह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।
जिसके बाद उनका देहांत हो गया था। इसके बाद राजद के द्वारा इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि, जिस डॉक्टर की मृत्यु फरवरी महीने में कोरोना से हो जाती है उसका कल तबादला शेखपुरा में कर दी जाती है। विधायक विजय सम्राट का कहना है कि मरे हुए डॉक्टर का तबादला होना इससे साफ पता चलता है कि किस तरह से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था चरमराई हुई है।
राजद विधायक ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को और स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए, जिस डॉक्टर का तबादला किया गया है, वह पहले विक्रम में ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद भी उनका तबादला शेखपुरा में की गई है। यहां बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को राज्य के 12 जिलों में नये सिविल सर्जनों की तैनाती की है. विभाग ने नये सिविल सर्जनों को अविलंब नव पदस्थापित जिले में योगदान करने का निर्देश दिया है।