बिहार: ड्यूटी से फरार रहने वाले डॉक्टर और नर्सों की सरकार करेगी निगरानी, स्वास्थ विभाग ऐसे रखेगा इन लोगों पर नजर
By एस पी सिन्हा | Published: January 23, 2023 05:46 PM2023-01-23T17:46:18+5:302023-01-23T18:01:37+5:30
ऐसे में स्वास्थ विभाग ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पटना, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, वैशाली जिले के नर्स और डॉक्टरों को यह आदेश दिया है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
पटना:बिहार में ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टर और नर्सों पर अब ऐप के जरिये नजर रखी जायेगी। स्वास्थ विभाग डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को रेगुलर ड्यूटी करने की निगरानी में जुटी है। इसी कड़ी में अब स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है।
विभाग ने राज्य के 12 जिलों के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी रेगुलर ड्यूटी पर हैं या नहीं इसकी निगरानी जीपीएस से की जाएगी। डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के मोबाइल में लगा जीपीएस उनके लोकेशन की जानकारी देगी।
डॉक्टर और नर्सों पर निगराने के लिए हुआ है ऐप तैयार
बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग जीपीएस के जरिए यह जानकारी इकट्ठा करेगा कि सुबह से लेकर रात तक जिन डॉक्टरों की ड्यूटी एक निर्धारित वार्ड में लगा है, वह कितने बजे अस्पताल आते हैं और कितने बजे जाते हैं? इसको लेकर स्वास्थ विभाग एक ऐप तैयार किया है। इस ऐप में उन्हें अपनी सेल्फी अपलोड करना होगा।
ऐप में फोटो के साथ समय पर करना होगा दर्ज
इतना ही नहीं सेल्फी लेकर ऐप पर फोटो डालते समय उन्हें टाइम भी दर्ज करना होगा। इसके साथ ही साथ उन्हें अपने मोबाइल का जीपीएस ऑन रखना होगा ताकि स्वास्थ विभाग को यह मालूम लगे कि वह कितने बजे से कितने बजे तक अस्पताल परिसर में रहे हैं।
बिहार के इन जिलों के इन वार्ड को दिया गया है यह आदेश
स्वास्थ विभाग ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पटना, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, वैशाली जिले के नर्स और डॉक्टरों को यह आदेश दिया है। हालांकि, इन जिलों में सभी डॉक्टरों को यह आदेश नहीं दिया गया है बल्कि, केवल उन डॉक्टरों को यह आदेश दिया गया है जो एइएस वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं।
इसलिए स्वास्थ विभाग ने उठाया है यह कदम
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ विभाग को लगातार या जानकारी मिल रही थी कि नर्स और डॉक्टर समय पर ड्यूटी से नहीं आते हैं या फिर कभी- कभी तो आते ही नहीं हैं। जिसके बाद अब स्वास्थ विभाग ने यह नया तरकीब निकाला है, जिसके जरिए अब जीपीएस से उनकी टाइम टेबल को लोकेट किया जाएगा।