बिहार में बदलेगा शराबबंदी कानून, कैबिनेट ने संशोधन प्रस्ताव पर लगाई मुहर
By भाषा | Published: July 12, 2018 12:50 AM2018-07-12T00:50:36+5:302018-07-12T00:50:36+5:30
बिहार सरकार की कैबिनेट ने बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 में संशोधन विधेयक सहित तीन विधेयकों को विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किए जाने को आज मंजूरी दी ।
पटना, 12 जुलाई: बिहार सरकार की कैबिनेट ने बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 में संशोधन विधेयक सहित तीन विधेयकों को विधानमंडल के मानसून सत्र में पेश किए जाने को आज मंजूरी दी ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि कैबिनेट ने कुल 33 विषयों पर विचार कर उन्हें मंजूरी प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम-2016 में संशोधन विधेयक-2018, बिहार मूल्यवर्धित कर अधिनियम 2005, बिहार होटल विलासवस्तु कराधान अधिनियम एवं बिहार मनोरंजन कर अधिनियम को संशोधित करने से संबंधित विधेयक तथा बिहार राज्य दहेज प्रतिषेध संशोधन अधिनियम-1975 के निरसन के लिए बिहार राज्य दहेज प्रतिषेध संशोधन अधिनियम-2018 को विधानमंडल सत्र में पेश किए जाने को मंजूरी दी। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र आगामी 20 जुलाई से शुरू होने वाला है ।
बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है और इसे सख्ती से लागू करने के लिए नीतीश सरकार ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम सर्वसम्मिति से विधानमंडल में पारित कराया था। लेकिन बाद में इसके कुछ प्रावधानों को कड़ा बताए जाने तथा इस कानून के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए विपक्ष द्वारा इसकी आलोचना की जाती रही है।
बीते 11 जून को लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान शराबबंदी कानून में कुछ तब्दीली से संबंधित प्रश्न के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार ने राज्य में पूरी ईमानदारी से शराबबंदी कानून को लागू किया है। इसमें कुछ कड़े प्रावधान हैं, इसके लिए कार्यक्रम में एक राय बनाने के लिए सर्वदलीय बैठक की गई थी।