पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने थामा जदयू का दामन, अपनी पार्टी आसा की करा दी जन सुराज में विलय
By एस पी सिन्हा | Updated: May 18, 2025 14:42 IST2025-05-18T14:40:56+5:302025-05-18T14:42:19+5:30
Bihar: आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ वो पहले भी काम कर चुके हैं।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने थामा जदयू का दामन, अपनी पार्टी आसा की करा दी जन सुराज में विलय
Bihar: बिहारविधानसभा चुनाव को देखते हुए सियासत में भाग्य आजमाने वाले लोग अपने राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी जगह बनाने में जुट गए हैं। इसी कडी में जदयू से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले आरसीपी सिंह ने पहले अपनी पार्टी ‘आसा’ बनाई। लेकिन रविवार को उन्होंने अपनी पार्टी का विलय जनसुराज में कर दिया। प्रशांत किशोर के साथ उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस किया और मीडिया के सामने इस विलय की जानकारी दी।
इस दौरान आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर ने जदयू के कई कद्दावर नेताओं को निशाने पर लिया और जमकर हमला बोला। आरसीपी सिंह ने जनसुराज पार्टी में विलय करने की वजह भी बताई।
इस दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि आज रविवार है, सूर्य भगवान का दिन है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपनी पार्टी का विलय करूंगा, लेकिन यह हो गया। यह ईश्वर का आशीर्वाद है। आरसीपी सिंह ने कहा कि वे पिछले दो वर्षों से बिहार में घूम रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं और अब एक नई लड़ाई के लिए तैयार हैं। महागठबंधन की सरकार के वक्त जैसी मेहनत की गई थी, अब फिर वैसी मेहनत होगी-मगर इस बार खुद के लिए। आरसीपी सिंह ने कहा कि 10 साल पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी थी तब हम लोगों ने मिलकर मेहनत की थी और कामयाबी मिली थी। उन्होंने कहा कि एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधन में हमलोगों ने काम किया।
उन्होंने कहा कि हम लोग काम किए हैं और काम करके दिखाएंगे। आरसीपी सिंह ने कहा कि हम तीसरे नहीं बल्कि टॉप पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि 2010 में वो अधिकारी थे। उसके बाद नीतीश कुमार के साथ जदयू में आए और फिर केंद्रीय मंत्री भी बने। बाद में सवा साल भाजपा में भी रहे। बाद में अपनी पार्टी बनाई। लेकिन निर्दलीय रहने से किसी का फायदा नहीं होता इसलिए जनसुराज के साथ जुड़े। आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ वो पहले भी काम कर चुके हैं।
वहीं प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह के जनसुराज संग आने को नीतीश कुमार के खिलाफ एक मजबूत गठजोड़ बताते हुए कहा कि 'कमजोर नीतीश कुमार को गिद्ध की तरह नोचा जा रहा है।’ जदयू में जो लोग खुद को नेतृत्वकर्ता कहते हैं, वे नीतीश कुमार को कितना सहयोग करते थे, यह सबको पता है। पीके ने बिना किसी का नाम लिए यहां तक कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में शामिल कुछ मंत्री 'वसूली मंत्री' हैं।
उन्होंने कहा कि 2015 में नरेंद्र मोदी और भाजपा के विजय रथ को रोका जा सका था क्योंकि लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ आने से पहले आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर साथ आए थे। 2015 के चुनाव जिताने में जरूर मेरी भूमिका थी।
आज आरसीपी सिंह के साथ आने को मैं उसी संदर्भ में देखता हूं। पीके ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि जदयू ने सीएएस और एनआरसी का समर्थन किया। ‘आरसीपी टैक्स’ तंज को गलत करार देते हुए उन्होंने कहा कि आजतक पटना में एक घर भी आरसीपी सिंह ने नहीं बनाया। पीके ने कहा कि एक काबिल व्यक्ति ही जनसुराज का नेतृत्व करेगा।