बिहार की रजिया सुल्तान ने रचा इतिहास, राज्य की पहली मुस्लिम महिला डीएसपी बनेंगी
By दीप्ती कुमारी | Published: June 11, 2021 12:54 PM2021-06-11T12:54:16+5:302021-06-11T12:54:16+5:30
बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए हैं । इस परीक्षा को पास कर 27 वर्षीय रजिया सुल्तान ने बिहार पुलिस बल में डीएसपी बनकर इतिहास रच दिया है।
पटना: हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए हैं । इस परीक्षा को पास कर 27 वर्षीय रजिया सुल्तान ने इतिहास रच दिया है। वे बिहार पुलिस बल में पहली मुस्लिम महिला डीएसपी बनने जा रही हैं।
बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ की रहने वाली रजिया सुल्तान वर्तमान में बिहार सरकार के बिजली विभाग में सहायक अभियंता के पद पर तैनात है । रजिया उन 40 उम्मीदवारों में से एक है, जिनका चयन बिहार पुलिस में उपाधीक्षक(डीएसपी) के पद पर हुआ है।
झारखंड के बोकार से हासिल की स्कूली शिक्षा
वैसे तो रजिया मूलतः बिहार के गोपालगंज के रहने वाली है लेकिन उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा झारखंड के बोकारो से पूरी की क्योंकि उनके पिता मोहम्मद असलम अंसारी बोकारो स्टील प्लांट में स्टेनोग्राफर के पद पर तैनात थे । बाद में 2016 में उनका निधन हो गया । रजिया की मां अभी भी बोकारो में ही रहती हैं।
रजिया अपने सात भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं । उनकी पांच बहनें और एक भाई है । सभी बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है जबकि भाई एमबीए करने के बाद उत्तर प्रदेश के झांसी में एक निजी कंपनी में कार्यरत है ।
बचपन का सपना सच हो गया- रजिया
रजिया बोकारो से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद जोधपुर चली गई थी। वहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
इंडिया टुडे के अनुसार रजिया ने कहा कि वह बचपन से ही लोक सेवा आयोग की परीक्षा देना चाहती थी । डीएसपी के लिए चयनित होना एक सपने के जैसा है । 2017 में बिहार के बिजली विभाग में सहायक अभियंता के रूप में शामिल होने के बाद से ही वह बीपीएससी की तैयारी कर रही थीं । 2018 में रजिया ने बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी थी और फिर 2019 में मेंस परीक्षा पास किया । उसके बाद इंटरव्यू पार कर वह डीएसपी के पद पर चयनित हुई।
रजिया सुल्तान ने कहा कि "मैं एक पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं । कई बार लोगों को न्याय नहीं मिलता खासकर महिलाओं को । महिलाएं पुलिस को उनके खिलाफ अपराध की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने से कतराती है । मैं इस तरह के अपराधिक घटनाओं को रिपोर्ट करने की कोशिश करूंगी ।"
बुर्का पहनना बंदिश नहीं है- रजिया
रजिया ने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय में लड़कियों की शिक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की और माता-पिता से अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए समर्थन करने की अपील की है । रजिया ने भी हिजाब या बुर्का पहनने वाली लड़कियों का समर्थन किया और कहा कि यह उन लड़कियों के लिए बाधक नहीं हो सकता, जो स्कूल या कॉलेज जाना चाहती हैं ।
रजिया ने कहा बुर्का या हिजाब पहनना कोई बंदिश नहीं है । अगर हम सोचते हैं कि हम कोई काम कर सकते हैं तो अल्लाह हमें हर तरह की बाधाओं को दूर करने की शक्ति देता है।
हाल ही में रजिया कोविड-19 से ठीक हुई है और उन्होंने मुस्लिम समुदाय से टीकाकरण के बारे में फैली अफवाहों और गलतफहमी को दूर करने और जान बचाने के लिए टीकाकरण कराने की अपील की है ।