सम्राट अशोक पर राजनीति शुरू, जदयू और भाजपा के बीच वाकयुद्ध, मांझी ने मारी एंट्री, जानिए पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: January 13, 2022 04:27 PM2022-01-13T16:27:00+5:302022-01-13T19:18:42+5:30
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा ने सम्राट अशोक को औरंगजेब से तुलना करने पर कड़ी आपत्ति जताई. भाजपा ने जदयू नेताओं पर करारा प्रहार किया.
पटना:बिहार में राजनीति का नया विषय अब सम्राट अशोक को बनाया गया है. सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने वाले लेखक और नाटककार दया प्रकाश सिन्हा से पद्म पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार वापस लेने की जदयू की मांग को भाजपा नेताओं द्वारा दरकिनार करने पर बिहार की राजनीति गर्मायी हुई है.
जदयू प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने भाजपा नेताओं के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना हालिया घटनाक्रम पर सवाल किया है कि प्रियदर्शी अशोक सम्राट के खिलाफ टिप्पणी करने वाले को केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ‘सम्राट अशोक’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 देती हैं. यह अपमान नहीं तो क्या है.
वहीं, भाजपा और जदयू की लड़ाई में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कूद चुके हैं. मांझी ने अपने ट्वीट में सम्राट अशोक को पिछड़ी जाति से जुड़ा बताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछड़ी जाति से थे. ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित/ आदिवासी/ पिछड़ा का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे.
माननीय राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शौर्य के प्रतीक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें. जीतन राम मांझी से उसका आधार सिर्फ यही है कि वह मौर्य वंश के थे. वर्तमान में मौर्य को पिछड़ी जाति से जुड़ा माना जाता है. जबकि चंद्रगुप्त ने जब इस वंश की स्थापना की थी तो उस समय उनकी जाति को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.
उधर, नीरज कुमार ने आज ट्वीट कर इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं की चुप्पी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने दया प्रकाश सिन्हा को हाल के वर्षों में केंद्र सरकार से मिले पुरस्कारों का विवरण पेश करते हुए लिखा है, अपमान नहीं तो क्या है? पुरस्कार की वापसी की मांग न करना मौन सहमति. अवार्ड वापसी की मांग करें.
यहां बता दें कि भाजपा से सम्बद्ध लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने हाल ही में सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी. उन्होंने सम्राट अशोक को क्रूर, कामुक, कुरूप बताते हुए कहा था कि इतिहास से सम्राट अशोक के जीवन के स्याह पक्ष की कम चर्चा की गई. सिन्हा की यह टिप्पणी बिहार के जदयू नेताओं को नागवार गुजरी है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सिन्हा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस प्रकरण में सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं. राष्ट्रपति से यह अनुरोध करते हैं कि ऐसे व्यक्ति को मिले पद्मश्री और अन्य पुरस्कार रद्द करें. भाजपा इन्हें निष्कासित करे.
वृहत अखंड भारत के एकमात्र चक्रवर्ती सम्राट प्रियदर्शी अशोक मौर्य का स्वर्णिम काल मानवता व लोकसमता के लिए विश्वभर में जाना जाता है. सम्राट अशोक बिहार व भारत के प्रतीक थे और हैं. कोई इससे खिलवाड़ करे यह सच्चे भारतीय कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसी प्रकार वरिष्ठ जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भी भाजपा से दया प्रकाश सिन्हा पर कार्रवाई करने की मांग की.