बिहार चुनावः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम के पुत्र संतोष मांझी ली शपथ, जानिए इनके बारे में
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 16, 2020 03:23 PM2020-11-16T15:23:11+5:302020-11-16T18:40:21+5:30
शपथग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे।
पटनाः नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह सातवीं बार सीएम बने। शपथग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद रहे।
इस बीच खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी भी शपथ ली। वीआईपी के मुखिया और विधानसभा में चुनाव हारे मुकेश साहनी भी मंत्री बने। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी सोमवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले नये मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।
दलित नेता के रूप में पहचान बना चुके जीतन राम मांझी की किस्मत एक बार फिर उन्हें सत्ता सुख के करीब लेकर आ गई है। विधानसभा की चार सीटें जीतने वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होना करीब-करीब तय हो गया है। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके मांझी खुद मंत्री नहीं बनेंगे। पार्टी ने मांझी के बेटे संतोष मांझी का नाम नाम करीब-करीब तय कर लिया है।
Patna: Santosh Kumar Suman, son of Hindustani Awam Morcha (HAM) chief Jitan Ram Manjhi & Mukesh Sahni of Vikassheel Insaan Party (VIP) take oath as a Cabinet Minister of Bihar. pic.twitter.com/mYCYhk22Pr
— ANI (@ANI) November 16, 2020
जीतन राम मांझी ने मंत्री पद के सवाल पर कहा कि मैं पहले मुख्यमंत्री रह चुका हूं मैं मंत्री पद स्वीकार्य नहीं करूंगा, पहले कुछ लोगों ने ऐसा किया है कि वो मुख्यमंत्री के बाद मंत्री के पद पर रहे हैं. लेकिन मैं ऐसा नहीं करुंगा. हमारी पार्टी के किसी एक नेता को मंत्री पद दिया जाए, शपथ ग्रहण को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि इसका फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे।
मांझी ने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस के विधायक एनडीए के साथ आ जाए
मांझी ने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस के विधायक एनडीए के साथ आ जाए, हमलोगों के साथ आकर एनडीए को मजबूत करें, नीतीश कुमार सबके नेता है। जहां पर नीतीश हैं वहां पर विकास है, बहुत ऐसे मुद्दे हैं, जो राज्य हित में नहीं है, उसे नीतीश कुमार ने नकारने का काम किया है, वहीं मांझी ने राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव में टिकट बेचे गए, उन्होंने कहा कि स्व. रघुवंश बाबू भी राजद की नीतियों से परेशान होकर पार्टी छोड़ दी थी।
बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनने वाली नयी सरकार के सोमवार शाम को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करेगा। राजद ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। इस बीच, राज्य में विपक्षी महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने भी कहा कि वह शपथग्रहण में शामिल नहीं होगी।
राजद के ट्वीट किया, ‘‘राजद शपथ ग्रहण का बहिष्कार करता है
राजद के ट्वीट किया, ‘‘राजद शपथ ग्रहण का बहिष्कार करता है। बदलाव का जनादेश राजग के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया।’’ विपक्षी पार्टी ने राजग पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों और नियोजित शिक्षकों से पूछिए कि उन पर क्या गुजर रही है।’’ राजद ने कहा, ‘‘राजग के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं। ’’ गौरतलब है किकांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि अभी तक उन्हें आमंत्रण भी नहीं मिला है और यदि आमंत्रण आयेगा, वह तब भी शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि वह तेजस्वी यादव की राय से सहमत है कि जनादेश का गला घोंटा गया है । झा ने कहा, ‘‘हम इस सरकार के गठन का विरोध करते हैं।’’ हाल में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीट हासिल हुई थीं जबकि विपक्षी महागठबंधन को 110 सीट मिली थीं। विपक्षी राजद को 75 सीट पर जीत मिली थी। वहीं, भाजपा को 74 सीट और जदयू को 43 सीट हासिल हुई थी।
राजद ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘बिहार में दो मजबूरों की मजबूर सरकार बन रही है । एक शक्तिविहीन, शिथिल और भ्रष्ट प्रमाणित हो चुके मजबूर मुख्यमंत्री और दूसरा चेहराविहीन और तन्त्र प्रपंच को मजबूर वरिष्ठ घटक दल।’’ लालू प्रसाद की पार्टी ने कहा कि इनकी मजबूरी का कारण राजद का जनाधार और बिहार के लोगों द्वारा तेजस्वी यादव को अपना सर्वाधिक प्रिय नेता स्वीकार कर लेना है । राजद ने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार पर भी तंज किया।