बिहार: RJD लगा रही है गड़बड़ी के आरोप, जानें जहां हार-जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम रहा, वहां महागठबंधन ने कितनी सीट जीती
By विनीत कुमार | Published: November 11, 2020 11:51 AM2020-11-11T11:51:58+5:302020-11-11T12:42:39+5:30
Bihar Election Results: बिहार में विधानसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला देखने को मिला। करीब एक दर्जन सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 1000 वोटों से कम रहा है। आरेजेडी ने कुछ सीटों के लेकर मतों की गिनती में गड़बड़ी के भी आरोप लगाए हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद महागठबंधन की आरजेडी की ओर से मतों की गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। मंगलवार शाम के बाद जब नतीजों में देरी होने लगी तो आरजेडी की ओर से कई ट्वीट कर ऐसे आरोप लगाए गए कि जानबूझकर रिजल्ट में देरी की जा रही है।
आरजेडी प्रवक्ता और राज्य सभा सांसद मनोज झा भी कई बार मीडिया के सामने आए और गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री निवास से काउंटिंग सेटर फोन किए जा रहे हैं और चीजों को मैनेज करने की कोशिश हो रही है।
दरअसल, कई ऐसी सीटें रही जहां जीत का अंतर उम्मीदवारों के बीच 1000 से कम या फिर उससे कुछ अधिक रहा। इसमें कुछ सीटों पर आरजेडी सहित महागठबंधन के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। इसलिए आरजेडी ने मुखर होकर गिनती में गड़बड़ी के आरोप लगाए। हालांकि, आखिरी नतीजों को देखें तो कुछ सीटें ऐसी भी रहीं जहां बहुत कम अंत से आरजेडी या महागठबंधन उम्मीदवार जीत हासिल करने में सफल रहे।
कम अंतर से जीत की लिस्ट में महागठबंधन उम्मीवार भी
चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 11 सीटें ऐसी रहीं जहां उम्मीदवारों में जीत का अंतर 1000 से कम रहा। इस पर नजर डालें तो चार सीटें ऐसी हैं जहां आरजेडी या महागठबंधन के किसी उम्मीदवार ने जीत हासिल की। इसके अलावा एक सीट पर एक हजार से भी कम अंतर से निर्दलीय जबकि एक सीट पर एलजेपी को जीत मिली।
एलजेपी इस बार एनडीए का हिस्सा न बनकर अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी थी। महागठबंधन के उम्मीदवार जिन सीटों पर 1000 से भी कम सीटों पर जीत दर्ज की है, उसमे बाखरी, डेहरी, कुरहानी और रामगढ़ विधानसभा सीट शामिल हैं। इसके अलावा चकई सीट से निर्दलीय सुमित कुमार सिंह और मटिहानी से एलजेपी के राज कुमार सिंह ने बेहद कम अंतर से जीत हासिल की।
विधानसभा सीट | जीतने वाले उम्मीदवार | पार्टी | हारने वाले उम्मीदवार | पार्टी | जीत-हार का अंतर (वोट) |
बछवाड़ा | सुरेंद्र मेहता | बीजेपी | अवधेश कुमार राय | सीपीआई | 484 |
बाखरी | सूर्यकांत पासवान | सीपीआई | रामशंकर पासवान | बीजेपी | 777 |
बरबीघा | सुदर्शन कुमार | जेडीयू | गजानंद शाही | कांग्रेस | 113 |
भोरे | सुनील कुमार | जेडीयू | जितेंद्र पासवान | सीपीआईएमएल | 462 |
चकई | सुमीत कुमार सिंह | निर्दलीय | सावित्री देवी | आरजेडी | 581 |
डेहरी | फटे बहादुर सिंह | आरजेडी | सत्यनारायण सिंह | बीजेपी | 464 |
हिलसा | कृष्णमुरारी शरण | जेडीयू | अत्रि मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव | आरजेडी | 12 |
कुढ़नी | अनिल कुमार साहनी | आरजेडी | केदार प्रसाद गुप्ता | बीजेपी | 712 |
मटिहानी | राज कुमार सिंह | एलजेपी | नरेंद्र कुमार सिंह (बोगो सिंह) | जेडीयू | 333 |
परभाटा | डॉ. संजीव कुमार | जेडीयू | दिगंबर प्रसाद तिवारी | आरजेडी | 951 |
रामगढ़ | सुधाकर सिंह | आरजेडी | अंबिका सिंह | बीएसपी | 189 |
साथ ही बता दें कि इस बार महागठबंधन के उम्मीदवार को ही वोटों के अंतर के हिसाब से सबसे बड़ी जीत मिली। कटिहार के बलरामपुर सीट पर महागठबंधन के प्रत्याशी ने 53 हजार 597 वोटों से अधिक अंतर से जीत हासिल की।
बलरामपुर विधानसभा सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट - लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) के प्रत्याशी महबूब आलम को 104489 वोट मिले। वहीं, दूसरे नंबर पर एनडीए का हिस्सा रही विकासशील इंसान पार्टी (वीआपीई) रही। वीआईपी के उम्मीदवार बरुण कुमार झा को 50892 वोट मिले।