चुनाव से पहले पीएम मोदी ने दी बिहार को 541 करोड़ की सौगात, कहा- शहरीकरण वर्तमान की वास्तविकता, बाबासाहेब थे इसके पक्षधर
By स्वाति सिंह | Published: September 15, 2020 01:09 PM2020-09-15T13:09:45+5:302020-09-15T13:23:03+5:30
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस समारोह के दौरान जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ उनमें से चार परियोजनाएं जल आपूर्ति से संबंधित है, दो जल-मल शोधन संयंत्र तथा एक परियोजना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित है।
नई दिल्ली: बिहार के चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नमामि गंगे से जुड़ी कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रनिर्माण के इस काम में बहुत बड़ा योगदान बिहार का भी है, बिहार तो देश के विकास को नई ऊंचाई देने वाले लाखों इंजीनियर देता है।
यहां पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते 4-5 सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। पीएम मोदी ने कहा, 'शहरीकरण वर्तमान की वास्तविकता है। पहले कहा जाता था कि शहरीकरण एक मुसीबत है लेकिन आज के समय में यह एक अवसर है। बाबासाहेब आंबेडकर शहरीकरण के पक्षधर थे।'
Prime Minister Narendra Modi inaugurates and lays the foundation stone of seven projects related to urban infrastructure in Bihar, via video conferencing.
— ANI (@ANI) September 15, 2020
Out of these, four are related to water supply, two to sewerage treatment and one to riverfront development. pic.twitter.com/XH0Pe1CkaQ
बता दें कि वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से होने वाले इस समारोह के दौरान जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ उनमें से चार परियोजनाएं जल आपूर्ति से संबंधित है, दो जल-मल शोधन संयंत्र तथा एक परियोजना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित है।
ये सभी परियोजनाओं की लागत 541 करोड़ है। प्रधानमंत्री जिन सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें पटना नगर निगम क्षेत्र अन्तर्गत बेऊर में नमामि गंगे योजना अंतर्गत बनाए गए जल-मल शोधन संयंत्र भी शामिल है। इसके अलावा सीवान नगर परिषद और छपरा नगर निगम के क्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं का लोकार्पण हुआ। इन दोनों योजनाओं के तहत स्थानीय नागरिकों को चौबीसों घंटे पीने का शुद्ध जल मिलेगा।