Bihar Election: मुंगेर में वोटिंग से पहले बवाल, प्रतिमा विसर्जन के दौरान उपद्रव और फायरिंग, एक की मौत
By विनीत कुमार | Published: October 27, 2020 08:35 AM2020-10-27T08:35:10+5:302020-10-27T08:35:10+5:30
Bihar Assembly Election 2020: बिहार के मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए हंगामे और बवाल के बीत एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई है। इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा की घटना सामने आई है। इस हिंगा में एक शख्स के मौत की भी खबर है जबकि पांच अन्य लोगों को गोली लगी है। इस दौरान पुलिस और लोगों के बीच मारपीट और पत्थरबाजी की भी खबरें हैं। करीब 17 पुलिसवालों को चोटें आई हैं। पुलिस ने इस बीच 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। ये घटना मुंगेर में तब हुई है जब 28 अक्टूबर को यहां चुनाव होने हैं।
मुंगेर में पंडित दीन दयाल चौक के पास हंगामा
मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर शहर के पंडित दीन दयाल चौक के पास शंकरपुर की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान ये पूरा बवाल हुआ। दरअसल, पुलिस चुनाव को देखते हुए 26 अक्टूबर की शाम तक विसर्जन करा लेने की बात कह रही थी और इसकी तैयारी में जुटी थी।
इसी के तहत शंकरपुर की प्रतिमा को जल्दी विसर्जन के लिए कहा गया जिसे लेकर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच बहस हुई।
इसी दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा रोड़ेबाजी और फायरिंग शुरू हो गई। इस घटना मे 18 वर्षीय अनुराग कुमार को सिर में गोली लगी औ उसकी मौके पर ही मौत हो गई वहीं पांच लोग घायल हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में युवक की मौत हुई। घटना के बाद इस इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस को तैनात किया गया है।
मुंगेर: पुलिस दोषियों की पहचान में जुटी, फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण
इस घटना के बाद मुंगेर के डीएम राजेश मीणा ने घटनास्थल का दौरा किया। डीएम ने बताया कि स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और दोषियों की पहचान की जा रही है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस पर भीड़ के हमले में संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, बासुदेवपुर ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार सहित 17 अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया ये बात सामने आई है कि जानबूझकर कुछ लोगों ने पुलिस पर मारपीट करने का झूठा आरोप लगाते हुए माहौल को खराब किया और भीड़ को पुलिस के खिलाफ उकसाया गया।