बिहारः बर्खास्त 32 महिला सिपाहियों ने बताया-DSP सर छुट्टी देने के बदले हमें बिस्तर पर सोने को कहते थे
By एस पी सिन्हा | Published: November 10, 2018 05:24 AM2018-11-10T05:24:44+5:302018-11-10T05:24:44+5:30
महिला आयोग के सामने पटना पुलिस लाईन की विद्रोही और बर्खास्त महिला पुलिस कर्मियों ने अपनी आपबीती सुनाती हुई इनकी आंखें मूसलाधार बारिश की तरह बरस रही थीं। अपनी आपबीती में इनके इशारे यह भी साफ कह रहे थे कि इनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार और छेडछाड भी किये जाते थे।
बिहार में सरकार की कार्रवाई के बाद बर्खास्त 175 पुलिसकर्मियों में से 32 महिला सिपाहियों ने इंसाफ के लिए बिहार राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है। बर्खास्त 32 महिला सिपाही राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंची और बर्खास्तगी को गलत बताते हुए महकमे के ही अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि डीएसपी मो. मसलेहद्दीन सर छुट्टी देने के बदले हमें बिस्तर पर सोने को कहते थे। मासिक धर्म का वीडियो बनाने को कहते थे।
महिला आयोग के सामने पटना पुलिस लाईन की विद्रोही और बर्खास्त महिला पुलिस कर्मियों ने अपनी आपबीती सुनाती हुई इनकी आंखें मूसलाधार बारिश की तरह बरस रही थीं। अपनी आपबीती में इनके इशारे यह भी साफ कह रहे थे कि इनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार और छेडछाड भी किये जाते थे।
इन्होंने बताया कि पुलिस लाईन में हम महिलाओं के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है। महिला पुलिसकर्मियों ने कहा कि उन्हें बिना किसी नोटिस के बर्खास्त कर दिया गया है। उनसे पूछा भी नहीं गया कि पूरा मामला क्या है?
बड़े आश्चर्यजनक और सवालिया लहजे में इन्होंने कहा कि ना तो उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया और ना ही कोई स्पष्टीकरण देने का वक्त दिया गया। सीधे कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसके लिए उन्होंने महिला आयोग से गुहार लगाई है।
महिला आयोग की अध्यक्षा दिलमणि मिश्रा ने पूरे मसले को गम्भीरता से सुना और उन्होंने कहा है कि इसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी। महिलाओं के साथ क्या अन्याय हुआ इसकी भी छानबीन होगी।
उल्लेखनीय है कि बर्खास्त पुलिसकर्मियों का कहना है कि उनसे गलती हुई है। उन्हें इस तरह तोडफोड नहीं करना चाहिए था। लेकिन वे अपना सब्र और धैर्य गंवा चुके थे। इसके सिवा उनके पास कोई चारा नहीं बचा था। बीते तीन महीने से बर्दाश्त करते-करते उनके मन घिन्ना गए थे।
यहां बता दें कि बीते 2 नवंबर को डेंगू से ट्रेनी महिला पुलिस जवान सविता का देहांत होने के बाद पुलिस लाईन में हंगामा, तोडफोड, एसपी और डीएसपी की भरपूर पिटाई महिला जवानों ने की थी। इसी मामले को लेकर बिहार पुलिस ने 5 नवंबर को बडी कार्रवाई करते हुए, इस विद्रोह के खिलाफ 175 पुलिसक्रर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है, जिसमें 77 महिला जवान भी शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि आजतक देशभर में पुलिसकर्मियों के खिलाफ इतनी बडी कारवाई कभी नहीं हुई थी। यह बिहार पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। वहीं, महिला आयोग के सामने बर्खास्त महिला पुलिस के आरोप ने पूरे पुलिस महकमे को कटघरे में लाकर खडा कर दिया है। महिला सिपाहियों ने यह भी कहा है कि महकमे के बडे अधिकारी हमें अकेले में बुलाते थे।
वहीं, आयोग की अध्यक्ष दिलमणि देवी ने बर्खास्त महिला सिपाहियों को इंसाफ का भरोसा दिलाया है। इस संबंध में बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि मामले को लेकर डीजीपी से बात की जा रही है।
महिला सिपाहियों का आरोप है कि छुट्टी मांगने पर डीएसपी साहब केबिन में बुलाते थे। अश्लील हरकतें करते थे और सबके सामने भद्दी-भद्दी गालियां देकर उन्हें अपमानित करते थे। हम लोगों से हमेशा गाली से बात करते थे। हेय दृष्टि से देखते थे। हमेशा मां-बाप के नाम लगाकर गाली देते थे, हम लोगों के अंदर बहुत गुस्सा था। तीन महीने से हमलोगों के साथ यह सब कुछ हो रहा था। लेकिन कोई सुनवाई करनेवाला नहीं था।