बिहार: एक दर्जन लोगों को लील गई बाढ़, सीएम नीतीश कुमार ने हेलिकॉप्टर से लिया जायजा
By एस पी सिन्हा | Published: July 14, 2019 05:43 PM2019-07-14T17:43:11+5:302019-07-14T17:49:21+5:30
बिहार के छह जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और इन जिलों के कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. वहीं रेल यातायात भी बाधित है. बाढ़ के कारण अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो जाने की बात सामने आ रही है.
नेपाल में हो रही लगातार बारिश से बिहार में 10 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. बारिश के कारण आई बाढ़ ने जिन जिलों को प्रभावित किया है, उनमें सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किसनगंज, मधुबनी सहित सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर जिले शामिल हैं. इसके कारण मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, सीतामढ़ी-रक्सौल, मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर रेलवे ट्रैक धंसने की वजह से ट्रेनों का परिचालन बाधित है.
इसबीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ को लेकर आज उच्च स्तरीय बैठक की है. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिये है. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिती का जायजा लिया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एक अणे मार्ग स्थित आवास बाढ़ को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा सहित विभाग के कई आलाधिकारी भी मौजूद थे. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ की समीक्षा करने के साथ ही विभागीय मंत्री समेत अधिकारियों को कई जरूरी दिशा निर्देश दिया.
बिहार के छह जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और इन जिलों के कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. वहीं रेल यातायात भी बाधित है. बाढ़ के कारण अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो जाने की बात सामने आ रही है. इसमें अररिया में चार और मोतिहारी में एक बच्ची की डूबने से मौत हो गई. भारी बारिश के कोसी व बागमती सहित प्रमुख नदियों में भयानक उफान के कारण त्राहिमाम की स्थिति है.
देर रात बागमती के पानी के कारण सीतामढ़ी में पटना को नेपाल से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण पुल टूट गया. उधर, कोसी प्रमंडल में तटबंध के भीतर अचानक पानी के प्रवेश के बाद वहां से लोगों का पलायन शुरू है. सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, चंपारण व किशनगंज सहित जगह-जगह तटबंध टूटे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रशासन अलर्ट मोड में है. प्रभावित जिलों में सरकारी अधिकारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है.
बाढ़ से बचाव के लिए पटना से सटे बिहटा से एनडीआरएफ की एक टीम दरभंगा रवाना की गई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बाढ़ और बारिश की जानकारी हर पल ली जा रही है. साथ ही अधिकारियों को किसी तरह की कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया गया है. मंत्री ने कहा कि नेपाल में लगातार हो रही बारिश से हालात खराब हुए हैं.
वहीं, आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा है कि लोगों को खाने पीने में कोई दिक्कत नहीं हो इसको लेकर सामुदायिक रसोइयां बनाई जा रही हैं. संबंधित जिलों के डीएम बाढ़ राहत के काम में जुट गए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग भी स्थिति पर नजर है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक सूबे के शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज बाढ के पानी में डूबे हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूरे हालात पर सरकार की नजर है और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में सरकार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है.
सरकार की तरफ से बनाए गए रिलीफ कैंपों ने काम करना शुरू कर दिया है और बाढ़ पीड़ितों को पूरी मदद पहुंचाई जा रही है. वहीं, मौसम विभाग ने अररिया, मोतिहारी, बेतिया, सुपौल, सीतामढ़ी, मधुबनी, भागलपुर, खगड़िया, पूर्णिया और मधेपुरा में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश की संभावना को देखते हुए पूर्वी चंपारण और मोतिहारी में धारा 144 लगाई गई है.