बिहार में कैबिनेट का विस्तार नहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कांग्रेस उम्मीद पर पानी फेरा, कहा-गठबंधन के अंदर कोई भी बात नहीं हुई
By एस पी सिन्हा | Published: February 2, 2023 05:09 PM2023-02-02T17:09:28+5:302023-02-02T17:10:35+5:30
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कमान संभालने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह लगातार नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस की मांगों को लेकर अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है।
पटनाः बिहार में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के द्वारा कैबिनेट विस्तार की मांग की जा रही थी। कांग्रेस के तरफ से यह दावा भी किया जा रहा था खरमास के बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट का विस्तार करेंगे। ऐसे में कैबिनेट विस्तार की जारी अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया कि कैबिनेट का विस्तार नहीं होगा।
इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी फैसला कर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांगों को लेकर अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है। तेजस्वी ने कहा कि मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिकार इस बात की चर्चा कहां से निकल कर सामने आई है? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह साफ कर देता हूं कि अभी इसको लेकर गठबंधन के अंदर कोई भी बात नहीं हुई है।
दरअसल, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कमान संभालने के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह लगातार नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि विधानसभा में अपने विधायकों की संख्या के आधार पर कैबिनेट में कांग्रेस को चार मंत्री पद मिलना चाहिए।
अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मैंने बात की है और उन्होंने आश्वासन भी दिया है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी यह साफ कर दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार जो होगा वो राजद कोटा के दो मंत्री जो हटे थे उन्हें भरा जाएगा। साथ ही कांग्रेस को भी जगह दी जाएगी।
बता दें कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी थी, तब राजद कोटे से तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया। विधायकों की संख्या के हिसाब से राजद सबसे बड़ी पार्टी है, इसलिए उसके सर्वाधिक 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।
हालांकि बाद में सुधाकर सिंह और कार्तिक सिंह को विवादों के बाद कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। वहीं इसके अलावा जदयू से 11, कांग्रेस से 2, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से 1 और एक निर्दलीय विधायक मंत्री बने। वाम दलों ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया है।