बिहार में बढ़ता क्राइम का ग्राफ, पुलिस के ही आंकड़े खोल रहे सीएम नीतीश कुमार के दावों की पोल
By एस पी सिन्हा | Published: January 24, 2021 02:24 PM2021-01-24T14:24:27+5:302021-01-24T14:24:27+5:30
बिहार में हाल के दिनों में अपराध की घटनाओं को लेकर विपक्ष नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर है। अब बिहार पुलिस ने अपराध को लेकर ताजा आंकड़े दिए हैं जो बताते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था के मामले में सब कुछ ठीक नहीं है।
पटना: बिहार में बेखौफ होते अपराधियों और तेजी से बढती आपराधिक घटनाओं को लेकर एक ओर जहां विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर हमलावर है, वहीं बिहार पुलिस की ओर से जारी ताजा आंकड़े भी सूबे की काननू-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने लगे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में 493 हत्याएं हुई. हत्या की घटनाओं के अलावा बिहार चुनाव के दौरान चोरी, डकैती, अपहरण, बलात्कार और सामूहिक दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध भी बढ़े हैं.
बिहार में क्राइम का बढ़ता ग्राफ
बिहार पुलिस के द्वारा जारी किये गये नये आंकड़े के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर महीने में 243 और नवंबर महीने में 250 हत्याएं हुईं. इसके अलावा अक्टूबर महीने में 138 और नवंबर महीने में 86 महिलाओं के साथ बलात्कार और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुईं.
उसी तरह अक्टूबर और नवंबर महीने में चुनाव के दौरान पटना में 32 हत्याएं हुईं. तिरहुत रेंज में सबसे ज्यादा 75 हत्याएं हुईं, जिसमें मुजफ्फरपुर जिले में 28 लोगों की हत्या हुई. बीते वर्ष की बात करें तो बिहार में अपराधियों ने लगभग 3000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया.
नवंबर महीने तक के आंकड़े के मुताबिक 1330 महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं. 7000 से ज्यादा अपहरण के मामले भी सामने आएं.
इसी तरह चोरी, डकैती और लूटपाट के 30000 से ज्यादा घटनाएं हुईं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुशासन वाली छवि को लेकर कांग्रेस और राजद लगातार सवाल उठा रही है.
नीतीश सरकार पर लगातार उठते सवाल
पिछले दिनों राजधानी पटना में इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या के बाद पुलिस भी सकते हैं. नीतीश सरकार के ऊपर राज्य में बढते अपराध को लेकर चौतरफा हमला किया जा रहा है.
पिछले दिनों रुपेश सिंह के परिजनों से मिलने छपरा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि 'सुशासनी गुंडों ने रूपेश सिंह की हत्या कर दी. रूपेश के परिवार से मिला. उनके बुज़ुर्ग पिता, पत्नी और बच्चों से आंख नहीं मिला पा रहा था. पिता चिपट कर रोने लगे. पता नहीं असंवेदनशील मुख्यमंत्री को प्रतिदिन बिहार में सैंकड़ों हत्याएं व गुंडाराज होने के बावजूद नींद कैसे आती है?'
उन्होंने साथ ही पूछा था कि क्या मुख्यमंत्री कभी ऐसी घटनाओं पर दो शब्द संवेदना के भी व्यक्त करते हैं? तेजस्वी ने आरोप लगाया था, 'मुख्यमंत्री पल्ला झाड़ेने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं. क्या बिहार में सब अपराध भाजपा की शह पर हो रहा है?'