बिहार में कोरोना केस, एक्शन में सीएम नीतीश, शादी समारोह में 250 और श्राद्ध में 50 लोग होंगे शामिल, जानें गाइडलाइन
By एस पी सिन्हा | Published: April 6, 2021 07:54 PM2021-04-06T19:54:10+5:302021-04-06T19:55:11+5:30
बिहार में कोरोना सक्रंमण के सबसे अधिक सक्रिए मामले आने वाले आठ जिलों- पटना, जहानाबाद, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीवान एवं सारण हैं.
पटनाः बिहार में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और सभी जिलों के जिलाधिकारियों-एसपी के साथ समीक्षा बैठक की.
इस दौरान यह तय किया गया है कि शादी समारोह और श्राद्ध में लोगों के शामिल होने की संख्या कितनी होगी. निर्णय के अनुसार अब शादी समारोह में 250 और श्राद्ध में 50 लोग शामिल होंगे. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान कहा कि जितना ज्यादा टीकाकरण होगा, कोरोना के नये संस्करण का प्रभाव उतना ज्यादा कम होगा.
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिया साथ ही बिहार की जनता से मास्क का उपयोग करने की अपील की. उन्होंने टीकाकरण और कोरोना जांच दोनों को और अधिक बढाने का भी निर्देश पदाधिकारियों को दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं. उन राज्यों से बिहार के लोगों के वापस आने की संभावना है.
इसे ध्यान में रखते हुए प्रखंड स्तर पर कोरेंटिन सेटंर की व्यवस्था भी तैयार रखें. जिन क्षेत्रों में कोरोना के मामलें हैं, वहां कन्टेनमेंट जोन बनाकर काम करें. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोगों के यहां शादी है या कोई श्राद्ध है, इसके लिए संख्या निर्धारित कर दी गई है कि कितने लोग शामिल हो सकते हैं. पर सभी को मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करना चाहिए.
राज्य में कोरोना सक्रंमण के सबसे अधिक सक्रिए मामले आने वाले आठ जिलों- पटना, जहानाबाद, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीवान एवं सारण हैं. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण राज्य में तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि इस बात का आकलन करें कि कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? नये मामले किन क्षेत्रों में हैं, वहां कौन लोग बाहर से आये हैं?
इन सब बातों की पूरी जानकारी रखें. बाहर से आनेवाले लोगों एवं उनके सम्पर्क में आने वाले लोगों पर भी नजर रखें. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि संक्रमण के कारणों का विश्लेषण करने के साथ ही पिछली बार के अनुभवों के आधार पर रणनीति बनाकर काम करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ केयर वर्कर जो काम में लगे हैं, उन सभी की कोरोना जांच करवाएं और उनके सम्पर्क में आने वाले उनके परिजनों की भी जांच करवाएं. जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना सक्रंमण के मामलों का पता चलेगा. कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें.
धार्मिक स्थलों, भीडभाड वाले स्थानों पर लोग विशेष सतर्कता बरतें. उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी अधिक है, आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट रहे. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के प्रति सभी सजग रहें, कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें. सभी लोग मास्क का प्रयोग करें. आपस में दूरी बनाकर रखें एवं हमेशा हाथ धोते रहें.
यहां उल्लेखनीय कि पटना के अस्पतालों में कोरोना जैसे लक्षण वाले मरीजों के पहुंचने से परेशानी बढ़ रही है. निजी और सरकारी अस्पतालों में कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनके सभी लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं. लेकिन जांच में वे निगेटिव आ रहे हैं. ऐसे मरीजों को कोविड वार्ड में रखा जाए या सामान्य वार्ड में इसको लेकर डॉक्टरों में भी असमंजस की स्थिति बन रही है.
एम्स पटना की एक नर्स सर्दी-खांसी और बुखार से पीडित होकर इलाज कराने पहुंची. उसके गले में दर्द और खांसी भी थी. कोरोना की आरटीपीसीआर जांच में वह निगेटिव आई. इसके बाद जब उसका सिटी स्कैन किया गया तो उसकी छाती में निमोनिया जैसे लक्षण थे. इसके बाद उसका इलाज कोरोना के लक्षण के अनुसार किया जा रहा है. वहीं, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना वार्ड में बेडों की संख्या बढ़ाई गई है.