बिहार की अदालत ने 108 साल पुराने भूमि विवाद पर फैसला सुनाया, वकील के तीन पीढ़ियों ने लड़ा केस, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 20, 2022 07:09 AM2022-05-20T07:09:48+5:302022-05-20T07:13:03+5:30

वादी के वकील सतेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान न्यायाधीश को इसके लिए बधाई का पात्र बताते हुए कहा कि मामले से संबंधित दस्तावेजों को कीट-पतंगों द्वारा खा लिये जाने के बावजूद उन्होंने उन्हें खंगालने की परेशानी उठाई और आखिरकार 11 मार्च को फैसला सुनाया।

Bihar court gave verdict on 108 year old land dispute three generations of lawyer hearing case | बिहार की अदालत ने 108 साल पुराने भूमि विवाद पर फैसला सुनाया, वकील के तीन पीढ़ियों ने लड़ा केस, जानें पूरा मामला

बिहार की अदालत ने 108 साल पुराने भूमि विवाद पर फैसला सुनाया, वकील के तीन पीढ़ियों ने लड़ा केस, जानें पूरा मामला

Highlights तीन एकड़ जमीन के एक टुकड़े को लेकर 108 साल से था विवाद1914 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई को अदालत ने समाप्त किया

पटनाः बिहार के भोजपुर जिले की एक अदालत ने 108 साल पुराने तीन एकड़ जमीन के एक टुकड़े को लेकर एक दीवानी विवाद को निपटा दिया है। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश श्वेता सिंह ने अतुल सिंह के पक्ष में फैसला सुनाकर उसके परदादा दरबारी सिंह के साथ 1914 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई को समाप्त किया।

वादी के वकील सतेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान न्यायाधीश को इसके लिए बधाई का पात्र बताते हुए कहा कि मामले से संबंधित दस्तावेजों को कीट-पतंगों द्वारा खा लिये जाने के बावजूद उन्होंने उन्हें खंगालने की परेशानी उठाई और आखिरकार 11 मार्च को फैसला सुनाया।

उन्होंने कहा कि दरबारी सिंह ने नथुनी खान के परिवार के सदस्यों से उक्त जमीन खरीदी थी, जो कोइलवार नगर पंचायत क्षेत्र में आती है। उन्होंने बताया कि 1911 में खान की मृत्यु हो गई थी और उनके आश्रित अपनी संपत्ति के अधिकारों को लेकर आपस में झगड़ते रहे थे। भूमि नौ एकड़ की उस संपत्ति का हिस्सा थी जो कानूनी पचड़े में फंस गई थी और ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा जब्त कर ली गई थी।

वकील ने कहा, ‘‘न्यायाधीश ने कहा कि मेरे मुवक्किल अतुल सिंह अपनी जमीन छुड़ाने के लिए संबंधित अनुमंडल दंडाधिकारी के पास जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘खान के परिवार का कोई भी सदस्य यहां नहीं है। वे सभी विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए थे। मेरे मुवक्किलों ने चार पीढ़ियों से मुकदमा लड़ा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात का संतोष है कि मैंने मामले का फैसला होते देखा है। इसे सबसे पहले मेरे दादा शिवव्रत नारायण सिंह ने लिया था, जिनकी मृत्यु के बाद मेरे दिवंगत पिता बद्री नारायण सिंह इस मामले में वकील के रूप में पेश हुए थे।’’ 

Web Title: Bihar court gave verdict on 108 year old land dispute three generations of lawyer hearing case

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