Bihar Taja samachar: सीएम नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, कोरोना से मौत पर 4 लाख का मुआवजा, इलाज का खर्च उठाएगी सरकार
By पल्लवी कुमारी | Published: March 16, 2020 03:31 PM2020-03-16T15:31:32+5:302020-03-16T15:31:32+5:30
बिहार के नीतीश सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान, सिनेमाघर, और चिड़ियाघर 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं।
पटना: बिहार के नीतीश सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए संक्रमण से मौत होने की स्थिति में मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी है। नीतीश कुमार ने कहा, राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज का पूरा खर्च बिहार सरकार वहन करेगी । कोरोना वायरस के कारण बिहार विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
Bihar CM Nitish Kumar at the state Assembly: If someone dies due to #Coronavirus then the next of the kin of the deceased will be given Rs 4 Lakh as compensation from the Chief Minister's Relief Fund. https://t.co/zHNBMmTnR0
— ANI (@ANI) March 16, 2020
बिहार के नीतीश सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान, सिनेमाघर, और चिड़ियाघर 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं और संकेत दिया कि स्थिति की समीक्षा के बाद अगले कुछ दिनों में और उपाय किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में महामारी पर एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया था कि भीड़-भाड़ से बचने के लिए पटना में चिड़ियाघर, राज्य द्वारा संचालित संग्रहालय और पार्क भी 31 मार्च तक बंद रहेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा था, ‘‘हम सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अपनी परीक्षाओं को स्थगित कर पुनर्निर्धारित करने के लिए कह रहे हैं। हम सीबीएसई परीक्षाओं के बारे में कोई आदेश नहीं दे रहे हैं क्योंकि प्रशासन की तरफ से आना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में, मध्याह्न भोजन योजना से लाभान्वित होने वाले बच्चों को उनके माता-पिता के बैंक खातों में स्कूल बंद की अवधि तक के लिए धन जमा किया जाएगा।
आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे और लाभार्थियों को सीधे नकद हस्तांतरण के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा। राज्य के सभी जिलों में संबंधित विभागों के प्रमुखों को एक सुझाव दिया गया था कि परिसर में भीड़ को कम करने के लिए कर्मचारियों को वैकल्पिक दिनों में कार्यालय बुलाया जाए।