बिहार में कोरोनाः रेलकर्मी सहित भाजपा विधान पार्षद के नौजवान बेटे की मौत, नेता, मंत्री, जज सहित 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित

By एस पी सिन्हा | Published: April 22, 2021 09:06 PM2021-04-22T21:06:37+5:302021-04-22T21:07:36+5:30

बिहार में बीते 24 घंटे के अंदर जहां 12222 नए मरीज मिले हैं, वहीं 51 की मौत भी हो गई है.राज्‍य में कुल सक्रिय मामलों की संख्‍या 63746 है.

bihar Corona Death of young son of BJP Legislative Council politician, minister, judge, officer and doctor  | बिहार में कोरोनाः रेलकर्मी सहित भाजपा विधान पार्षद के नौजवान बेटे की मौत, नेता, मंत्री, जज सहित 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित

कोरोना का कहर बढ़ने से पटना के सभी बडे़ अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं.

Highlightsरिकवरी दर का घटना भी चिंता का सबब बन गया है.एक साल के दौरान अभी तक कोरोना ने 1841 लोगों की जान ले ली है.कोरोना की दूसरी लहर से बिहार बेहाल है. 

पटनाः कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में हालात लगातार खराब हो रहा है. आज मुजफ्फरपुर जंक्शन पर डीसीआइ रहे व वर्तमान में सोनपुर रेल मंडल में पदस्‍थापित राजीव रंजन ओझा की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई.

इसके साथा ही कोरोना से भाजपा विधान पार्षद के बेटे की मौत महज 28 साल की उम्र में हो गई. बेटे की मौत के बाद भाजपा नेता के घर चीख-पुकार मची हुई है. घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. आज दिल्ली के मेदांता अस्‍पताल में कैमूर-रोहतास के विधान पार्षद संतोष सिंह के युवा पुत्र प्रिंस सिंह की भी मौत हो गई.

सूबे में कोरोना संक्रमण ने आम लोगों के साथ ख़ास लोगों की भी जिंदगी तबाह कर दी है. नेता, मंत्री, जज, अफसर, पुलिसवाले या डॉक्टर हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है. सूबे में अब तक 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से कई ऐसे पुलिसवाले हैं, जो ठीक हो चुके हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो इलाज के लिए भटक रहे हैं. अस्पतालों में उन्हें बेड नहीं मिल रहा है.

कोरोना से जंग जीतने के लिए वे इधर-उधर भटक रहे हैं. इसलिए पुलिस अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग हो रही है. बिहार पुलिस एसोसिएशन ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है. राज्य सरकार से पटना स्थित पुलिस अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल घोषित करने की मांग की है ताकि संक्रमित पुलिसवाले और उनके परिवार के संक्रमित लोगों की इलाज संभव हो सके. वहीं, आंकड़ों की बात करें तो राज्‍य में कुल सक्रिय मामलों की संख्‍या 63746 है.

इसके साथ रिकवरी दर का घटना भी चिंता का सबब बन गया है. एक साल के दौरान अभीतक कोरोना ने 1841 लोगों की जान ले ली है. इसतरह से कोरोना की दूसरी लहर से बिहार बेहाल है. कोरोना की चपेट में वैसे लोग भी हैं जो जनता के लिए अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. अभी जो कोरोना की गति है, उसमें ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है. पूर्व मध्य रेलवे के सैंकड़ों अधिकारी औऱ कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं. इनमें से कुछ ठीक हो गए हैं तो वहीं कुछ लोग अस्पताल में या सेल्फ आइसोलेशन में हैं. ट्रेन के परिचालन में ड्राइवर, गार्ड और स्टेशन मास्टर, इन तीनों का रोल बेहद महत्वपूर्ण है.

इनके बगैर ट्रेनों को चलाया ही नहीं जा सकता. लेकिन, कोरोना के लपेटे में ये लोग भी आते जा रहे हैं. कोरोना पॉजिटिव होने वालों में इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर मुख्यालय सहित विभिन्‍न रेल डिवीजनों में बड़ी संख्‍या में अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो गए हैं. यह संख्‍या 2251 हो चुकी है.

अगर इसी रफ्तार से रेलकर्मी संक्रमित होते रहे तो, इसका असर ट्रेनों के परिचालन पर भी पड़ सकता है. आज सोनपुर रेल मंडल में पदस्‍थापित रेलकर्मी राजीव रंजन ओझा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. सोनपुर मंडल रेल कार्यालय में इस वक्‍त 60 से अधिक रेलकर्मी कोरोना संक्रमण के शिकार हैं. इस कारण मंडल रेल कार्यालय और रेल कॉलोनी को सील कर दिया गया है.

इसबीच, कोरोना से कराह रहे बिहार में एंबुलेंस संचालक व ऑक्सीजन वेंडर मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. एंबुलेंस संचालक जहां का किराया पहले हजार रुपये तक लेते थे, वहीं के लिए अब आठ हजार तक ले रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर की भी कालाबाजारी हो रही है. हालात ऐसे हो गये हैं कि कोरोना का कहर बढ़ने से पटना के सभी बडे़ अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं.

इसके कारण मरीजों को नामी अस्पतालों में जगह नहीं मिल पा रही है. हाल यह कि सभी मेडिकल कालेजों के आइसीयू में बेड तभी खाली हो रहे हैं, जब किसी मरीज की मौत हो रही है. बेड खाली नहीं मिलने से मरीजों के परिजन अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. इससे मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है. इन सबके बीच पटना एयरपोर्ट पर रोजाना सात से आठ हजार यात्री पहुंच रहे हैं.

जबकि, पटना से जाने वालों की संख्‍या रोजाना दो से तीन हजार के बीच ही है. कोरोना के संक्रमण काल में पटना से हवाई यात्रा करने वालो की संख्या में कमी आई है. जबकि, दूसरे शहरों से पटना आने वालों संख्या बढी है. महाराष्ट्र, पंजाब, यूपी, दिल्‍ली व केरल आदि में कोरोना संक्रमण बिहार से अधिक है, इसलिए बिहार के प्रवासी वहां से लौट रहे हैं.

इसतरह से बिहार की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. लोग कोरोना गाइडलाइन का भी धड़ल्ले से उल्लंघन करते दिख जा रहे हैं. पटना जंक्शन एरिया में तो इस कानून का कोई मतलब ही नही दिखता है. लोग बगैर मास्क के और खुले में चाट, छोले-भटूरे के साथ स्ट्रीट फूड का स्वाद लेते दिख जायेंगे. पुलिस वाले भी सबकुछ देखते हुए भी अनदेखा कर अपनी ड्यूटी बजाने में मस्त दिखते हैं.

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