बिहारः सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के नौ ठिकानों पर छापामारी, करोड़ों की संपत्ति, 25 से ज्यादा ट्रक का मालिक, जांच में जुटे अधिकारी हैरान
By एस पी सिन्हा | Published: September 21, 2021 09:16 PM2021-09-21T21:16:25+5:302021-09-21T21:17:09+5:30
बिहार पुलिस मेंस एसोसियेशन के प्रांतीय अध्यक्ष सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज के दो ठिकानों पर आर्थिक अपराध ईकाई (इओयू) की अलग-अलग टीम ने मंगलवार को छापेमारी की.
पटनाः बिहार में पुलिस की महिमा अपरंपार है. पुलिस की नौकरी मिले तो करोड़पति होना लगभग तय है. चाहे क्यूं न वह बिहार पुलिस का एक सिपाही हो. इसी कड़ी में एक सिपाही करोड़पति निकला है.
संपत्ति इतनी कि उसके आगे बडे़-बडे़ पुलिस अधिकारी भी फीके पड़ जाएं. आज आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) द्वारा की गई छापेमारी में बिहार के इस सिपाही के पास इतनी संपत्ति की जानकारी सामने आई है कि जांच में जुटे अधिकारी भी हैरान रह गए हैं. अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार सिपाही के 25 से ज्यादा ट्रक चलते हैं.
यूपी के सीमाओं पर चलनेवाले ट्रकों पर उनकी गहरी पैठ बनाई जाती है. इसके अलावा उसके पास कई आलीशान बंगले होने की बात कही जा रही है. ईओयू की तरफ से जानकारी दी गई है कि पटना जिला बल का भ्रष्ट सिपाही अपने पद का दुरुपयोग कर स्वयं एवं अपने परिजनों के नाम पर करोडों की परिसंपत्ति अर्जित की है. जो उसके लोकसेवक अवधि में प्राप्त आय से काफी अधिक है. आय से अधिक संपत्ति ले मामले में पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार धीरज के नौ ठिकानों पर छापामारी की गई है.
पटना में बेउर के अलावा नरेन्द्र कुमार धीरज के भाइयों और भतीजे के भोजपुर स्थित नौ ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है. पटना जिला पुलिस बल के जवान और बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के नौ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर उसके पास अकूत सम्पति होने का खुलासा किया है.
आरोप है कि उसने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. इसे लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि नरेन्द्र कुमार धीरज अवैध संपत्ति की जो सच्चाई सामने आई है. उसके बाद यह यकीन करना मुश्किल है कि एक सिपाही के पास इतनी संपत्ति कैसै हो सकती है?
धीरज पर भ्रष्टाचार के जरिए अपने और अपने परिवार-रिश्तेदारी के लोगों के नाम पर करोडों रुपए की संपत्ति जुटाने का आरोप है. सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार नरेन्द्र कुमार के जिन ठिकानों पर छापामारी की गई उनमें पटना के बेउर में महावीर कॉलोनी स्थित आवास, अरवल के अरोमा होटल के सामने स्थित धीरज के भाई अशोक कुमार का मकान है.
भोजपुर जिले के सहार थाना अंतर्गत मोदफ्फपुर गांव स्थित धीरज का पैतृक आवास, आरा शहर के भिलाई रोड, कृष्णानगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह का मकान और भाई विजेंद्र कुमार विमल का मकान, नरेंद्र कुमार धीरज के भाई श्याम विहार सिंह के नारायणपुर आरा स्थित मॉल व आवासीय मकान, आरा के नारायणपुर में भाई सुरेंद्र कुमार सिंह के छड सीमेंट की दुकान-आवास और भतीजे धर्मेंद्र कुमार के अनाइठ, आरा में आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान शामिल हैं.
इओयू जांच के दौरान धीरज का पटना शहर में एक दो मंजिला मकान होने के साथ उनके एक भाई विजेन्द्र कुमार विमल के नाम से भोजपुर में चार अवासीय भूखण्ड एवं एक कृषि योग्य भू-खण्ड पाया गया है. धीरज के दूसरे भाई सुरेन्द्र सिंह के नाम से भोजपुर जिला मुख्यालय आरा के विभिन्न 10 जगहों पर व्यवसायिक, आवासीय एवं कृषि भूमि है.
धीरज के तीसरे भाई विरेन्द्र सिंह के नाम से भोजपुर में 50 डीसमिल का कृषि योग्य भूमि है. धीरज के चौथे भाई अशोक कुमार के नाम से आरा के विभिन्न जगहों पर चार आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि पाई गई है. धीरज के पांचवे भाई श्याम बिहारी सिंह के नाम से भोजपुर में एक आवासीय भू-खण्ड है.
धीरज के छठे भाई शशि भूषण कुमार के नाम से भोजपुर में 64.50 डिसमिल का एक कृषि योग्य भूमि है । धीरज के भतीजे धमेन्द्र कुमार के नाम से भोजपुर में 51 डिसमिल का एक कृषि योग्य भूमि है. इस मामले में धीरज उनके भाई सुरेन्द्र कुमार सिंह, शशि भूषण सिंह, श्याम बिहार सिंह, विरेन्द्र सिंह, विजेन्द्र कुमार विमल, अशोक कुमार, तथा भतीजा धर्मेन्द्र कुमार के विरुद्ध 20 सितंबर को मामला दर्ज करके 18 दर्ज कर इओयू द्वारा कार्रवाई शुरू की गयी थी.