सीट शेयरिंग विवाद: जेडीयू-BJP के रिश्ते पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले, सब ठीक है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 31, 2019 12:02 PM2019-12-31T12:02:58+5:302019-12-31T12:02:58+5:30
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं, नवंबर 2020 में चुनाव होने की संभावना है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से कई महीने पहले जेडीयू-बीजेपी के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर खींचतान शुरू हो गई है। जेडीयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बयान के बाद सर्दी के सितम में बिहार की सियासत गरमा गई है। प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार में एनडीए की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते जेडीयू को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। दोनों दलों ने इस साल लोकसभा चुनाव में बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था।
किशोर के बयान के बाद नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी सीट शेयरिंग को लेकर अपनी राय जाहिर की। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार (31 दिसंबर) को सीट शेयरिंग और जेडीयू और बीजेपी के रिश्तों पर कहा, सब ठीक है।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on BJP-JDU alliance in the state: Sab theek hai. pic.twitter.com/ceWqFNVYHe
— ANI (@ANI) December 31, 2019
इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर लगातार बीजेपी का विरोध कर रहे किशोर ने बिहार में सीट शेयरिंग का मुद्दा छेड़ दिया। किशोर ने एक इंटरव्यू में कहा कि जेडीयू बड़ी पार्टी जिसके करीब 70 विधायक हैं और बीजेपी के पास 50 विधायक हैं। उनके इस बयान के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं। मोदी ने उन्हें डाटा जुटाने वाला और नारे गढ़ने वाली संज्ञा से दे डाली।
इसके बाद मंगलवार (31 दिसंबर) को प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश डिप्टी सीएम बनने वाले सुशील कुमार मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
बिहार में @NitishKumar का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 31, 2019
2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया था, ‘‘2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।’’ उन्होंने किशोर पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा, ‘‘...लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी (विपक्षी) गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।’’
2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 30, 2019
लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे....... pic.twitter.com/aCIUmFkFgL
प्रशांत किशोर की मुखरता पर नीतीश के करीबी सहयोगी ने जताई असहमति
भाजपा के साथ अपने संबंधों को लेकर जेडीयू के अंदर सोमवार को तीखे मतभेद उभरकर सामने आ गए। जेडीयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारा फार्मूला पर प्रशांत किशोर के ‘असमय’ बयान को लेकर असहमति जताई।
राज्य सभा में पार्टी के नेता आरसीपी सिंह ने पार्टी उपाध्यक्ष किशोर की मुखरता से उस वक्त असहमति जताई, जब गया में पत्रकारों ने उनसे टिप्पणी करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों की हर समय बयान देने की आदत होती है। मेरे पास उनके बारे में कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है लेकिन यह असमय है। उन्हें समय से पहले ऐसे विषय उठाने से बचना चाहिए।’’