नीतीश सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा, सीएम के पास गृह, तार किशोर होंगे नए वित्त मंत्री, जानिए किसे पास क्या
By एस पी सिन्हा | Published: November 17, 2020 02:08 PM2020-11-17T14:08:06+5:302020-11-17T15:26:21+5:30
नवगठित नीतीश सरकार में मंत्रियों को प्रभार दिया गया है. नई कैबिनेट में गृह विभाग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच जिच जारी था, वह खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग, सामान्य प्रशासन और निगरानी अपने पास रखा है.
पटनाः बिहार में एनडीए सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है. शपथ ग्रहण के बाद लगातार इस बात का इंतजार हो रहा था कि किस मंत्री को कौन से विभाग का जिम्मा दिया जाता है.
लेकिन अब नवगठित नीतीश सरकार में मंत्रियों को प्रभार दिया गया है. नई कैबिनेट में गृह विभाग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच जिच जारी था, वह खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग, सामान्य प्रशासन और निगरानी अपने पास रखा है.
नीतीश कैबिनेट में शामिल उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद को वित्त मंत्री बनाया गया है. वित्त के अलावा उन्हें वाणिज्य और वन पर्यावरण विभाग का भी प्रभार दिया गया है. जबकि जदयू कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी को ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा दिया गया है. नीतीश के खास अशोक चौधरी को भवन निर्माण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं समाज कल्याण विभाग दिया गया है. मेवालाल चौधरी पहली बार मंत्री बने हैं, उन्हें शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
शीला देवी को परिवहन एवं हम के संतोष सुमन को लघु जल सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग मिला है. वहीं वीआइपी के मुकेश सहनी को पशु एवं मतस्य संसाधन विभाग दिया गया है. इसके अलावा भाजपा के मंगल पांडेय को स्वास्थ्य एवं पथ निर्माण विभाग दिया गया है. वे पहले भी स्वास्थ्य मंत्री थे.
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को महिला कल्याण विभाग एवं जदयू के विजेंद्र यादव को ऊर्जा, उत्पाद एवं निबंधन विभाग दिया गया है. ऊर्जा विभाग पहले भी उनके पास था. जबकि रामसूरत राय राजस्व और कानून मंत्री, अमरेंद्र प्रताप सिंह को कृषि विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई है.
बिहार विधानमंडल का सयुंक्त सत्र 23 नवंबर से आहूत किया जाएगा. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक में शपथ लेने वाले सभी मंत्री शामिल रहे. बैठक में दो प्रस्ताव स्वीकृत किये गए.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद मंत्रिमंडल ने विधान सभा और विधान परिषद का सत्र आहूत करने की मंजूरी दी. विधानमंडल का सत्र 23 से 27 नवम्बर तक होगा. इसके अलावा विधानसभा के प्रथम सत्र और विधानपरिषद के 196 सत्र के आरंभ में दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को राज्यपाल संबोधित करेंगे. राज्यपाल के संबोधन के विषय तय करने के लिए मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को विधानसभा सत्र के लिए प्रोटेम स्पीकर बनाये गये हैं.