नए कृषि कानून पर केंद्र के साथ सीएम नीतीश, कहा-सरकार से बात करें किसान, कानून से फायदा
By एस पी सिन्हा | Published: November 30, 2020 05:37 PM2020-11-30T17:37:08+5:302020-11-30T17:40:17+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है, जब बातचीत हो जाएगी तो किसानों को सही मायने में ये जानकारी मिल जाएगी कि उनकी किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है, ये (आंदोलन) अकारण हो रहा है.
पटनाः केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में ऐसा कानून साल 2006 से ही प्रभावी है और यहां किसानों को प्रोक्योरमेंट में कोई परेशानी नहीं हो रही है.
किसानों के ‘दिल्ली चलो आंदोलन’ के बीच नीतीश कुमार केन्द्र सरकार के हिमायती के तौर पर सामने आए हैं. मुख्यमंत्री ने किसानों के आंदोलन को बेवजह का बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार बातचीत को तैयार है और कोई बाधा नहीं है तो फिर इसकी जरूरत नहीं है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में दीघा-एम्स एलीवेटेड पुल के उद्घाटन के मौके पर मीडिया के सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है, जब बातचीत हो जाएगी तो किसानों को सही मायने में ये जानकारी मिल जाएगी कि उनकी किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है. ये (आंदोलन) अकारण हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हमने बिहार में पैक्स के माध्यम से प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया शुरू की और आज यह प्रभावी तरीके से काम कर रहा है. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत होना बेहद जरूरी है. केंद्र सरकार लगातार कह रही है कि वह इस मामले पर स्थिति स्पष्ट कर देगी कुमार ने कहा कि उन्हें लगता है कि बातचीत से सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी.
बता दें कि जब नए कृषि कानून को लेकर जब देश में सियासी बहस छिड़ी थी उस दौर में भी नीतीश कुमार ने बिहार में 2006 के अंदर लागू किए गए नए नियमों का हवाला दिया था. बिहार में पहले से ही प्रोक्योरमेंट का काम टैक्स देख रहे हैं और नीतीश कुमार लगातार यही तर्क दे रहे हैं कि नए कृषि कानून से किसानों से अनाज खरीद में कोई परेशानी नहीं होने वाली है.