बिहारः सीएम नीतीश कुमार के सामने खुल रही अधिकारियों की पोल, एसडीओ, बीडीओ से लेकर अन्य अधिकारियों की मिल रही हैं शिकायतें
By एस पी सिन्हा | Published: October 18, 2021 08:58 PM2021-10-18T20:58:12+5:302021-10-18T20:59:25+5:30
समस्तीपुर से आए एक फरियादी युवक ने सात निश्चय योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत की. युवक ने बताया कि समस्तीपुर के पटोरी प्रखंड के बीडीओ योजना में लूट मचा रहे हैं.
पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में अधिकारियों की शिकायत खूब पहुंच रही हैं. एसडीओ से लेकर बीडीओ साहब तक की शिकायत पर फरियादी लेकर पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिकायत सुनते-सुनते इतने परेशान हो चुके हैं कि अब ऑन कैमरा वह ज्यादा शिकायत सुनने से परहेज करते हैं. यही कारण है कि ऐसे फरियादियों को मुख्यमंत्री अपने सामने अब ज्यादा देर तक नहीं बैठने देते. जनता दरबार में शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री कई बार परेशान होते हैं तो कई बार नाराज भी होते हैं. अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है.
अधिकतर फरियादी मुख्यमंत्री के आगे कमीशन और गड़बड़ झाले की ही शिकायत करते हैं. मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आज समस्तीपुर से आए एक फरियादी युवक ने सात निश्चय योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत की. युवक ने बताया कि समस्तीपुर के पटोरी प्रखंड के बीडीओ योजना में लूट मचा रहे हैं. 8 इंच की बजाय 2 इंच की सड़क के ढलाई की जा रही है.
ऐसे में सरकारी योजना की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है. ऐसी शिकायतों को लेकर नीतीश कुमार असहज दिखे. लगातार एसडीओ, बीडीओ और अन्य अधिकारियों के बारे में जो शिकायतें आ रही हैं, उससे नीतीश कुमार भी समझ रहे हैं कि कि बिहार में प्रशासनिक तंत्र किस कदर काम कर रहा है. वहीं, बिहार में ज्यादातर इलाके को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है.
इसके बावजूद पूर्वी चंपारण से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में शिकायत की कि ओडीएफ नहीं होने के बावजूद उसके गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया. जबकि हकीकत यह है कि अब तक गांव में शौचालय निर्माण के लिए पहल नहीं की जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने युवक ने कहा कि शौचालय के लिए हमें राशि नहीं दी जा रही.
इस शिकायत को सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे नाराज हुए. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा. नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा कैसे संभव है. जब अधिकारी यह कह रहे हैं कि ओडीएफ किया जा चुका है. उसके बावजूद शौचालय निर्माण का काम जमीन पर क्यों नहीं किया गया?
वहीं, कृषि विभाग से रिटायर एक प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री के सामने विभाग के अधिकारियों के मनमाना रवैया अपनाये जाने से नाराज हो कह दिया कि बिहार बहुत बड़ा है सर, भीख मांग लेंगे, लेकिन आपके अधिकारियों के पास नहीं जाएंगे. इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसे कृषि विभाग के निदेशक से मिलने को कहा.
इसपर फरियादी ने कहा कि कृषि विभाग के निदेशक ने ही तो सारा खेल खेला है और हमारी पेंशन रोक रखी है. इसपर नीतीश कुमार भड़क गये. उन्होंने कहा कि हल्ला क्यों कर रहे, कृषि विभाग के पास भेजे हैं, वहां जाइए. फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पता लगाइए कि वो कृषि विभाग में क्यों नहीं जाना चाहता? वह किस तरह का व्यक्ति है? इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी भागे-भागे रिटायर्ड व्यक्ति की तरफ भागे.