सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणी, विधान पार्षद टुन्नाजी पांडेय पर गाज, भाजपा ने किया बर्खास्त, राजद में हो सकते हैं शामिल
By एस पी सिन्हा | Published: June 4, 2021 05:41 PM2021-06-04T17:41:39+5:302021-06-04T20:14:48+5:30
भाजपा ने शुक्रवार को बिहार में अपने विधान पार्षद (एमएलसी) टुन्नाजी पाण्डेय को बर्खास्त कर दिया जिनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों से गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के बीच रिश्तों में खटास आ रही थी.
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करना भाजपा के विधान पार्षद टुन्नाजी पांडेय को भारी पड़ गया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर आपत्तिजनक बयान देने के बाद टुन्नाजी पांडे को भाजपा ने निलंबित कर दिया है. नीतीश को लेकर भाजपा विधान पार्षद ने जो बयान दिया था, उसके बाद जदयू नाराज था और सहयोगी दल की नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने आनन-फानन में टुन्नाजी पांडे के ऊपर कार्रवाई कर दी.
जदयू ने टुन्नाजी पांडेय के बयान को लेकर भाजपा पर पलटवार किया था
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल की ओर से आज इस संबंध में एक चिट्ठी जारी कर इसकी घोषणा की गई. उल्लेखनीय है कि टुन्नाजी पांडेय ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भिजवाने की बात कही थी और नीतीश के ऊपर ताबड़तोड़ हमले बोले थे. इसके बाद जदयू ने टुन्नाजी पांडेय के बयान को लेकर भाजपा पर पलटवार किया था.
वहीं, भाजपा विधान पार्षद के ऊपर हुई कार्रवाई के बाद अब जदयू का मनोबल काफी ऊपर चला गया है. जदयू ने टुन्नाजी पांडे के निलंबन पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसे व्यक्ति को पहले ही कान पकड़कर पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए था.
टुन्ना जी पांडे को कान पकड़कर बाहर निकाल देना चाहिए था
भाजपा नेतृत्व के फैसले को जदयू ने अपने दबाव के कारण लिया गया फैसला बताते हुए कहा है कि टुन्ना जी पांडे के ऊपर कार्रवाई काफी पहले हो जाना चाहिए था. विधानसभा चुनाव में वह राजद के उम्मीदवार की मदद करते रहे, लेकिन भाजपा ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि हकीकत यह है कि टुन्ना जी पांडे को कान पकड़कर बाहर निकाल देना चाहिए था.
बता दें कि इस मामले को लेकर बिहार भाजपा और जदयू में काफी तनातनी हो गई थी. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने इस मसले पर सीधे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से सवाल पूछा था, जबकि जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री अंगुली उठाने वाले की अंगुली तोड़ दी जाएगी. इसके बाद भाजपा ने टुन्नाजी पांडेय को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
पार्टी की अनुशासन समिति ने टुन्नाजी पांडेय को दस दिन से पहले इस नोटिस का जवाब देने को कहा था. पार्टी ने साफ कर दिया था कि यदि टुन्नाजी पांडेय का जवाब संतोषजनक नहीं होगा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद विधान पार्षद ने अपने रुख में नरमी लाने की बजाय और भी कडे़ बयान दिए और कहा कि पार्टी चाहे तो उनपर कार्रवाई कर सकती है.
पांडेय ने कहा था कि भाजपा में हैं तो राजद में क्यों जाएंगे?
भाजपा से मिली नोटिस और राजद में जाने की संभावनाओं पर सवालों का जवाब देते हुए टुन्नाजी पांडेय ने कहा था कि भाजपा में हैं तो राजद में क्यों जाएंगे? आज सुबह वे राजद के पूर्व सांसद और लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे मो. शहाबुद्दीन के घर चले गए थे. विधान पार्षद ने शहाबुद्दीन की मौत के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था.
विधान पार्षद ने कहा था कि उन्हें परिस्थितियों का मुख्यमंत्री कहे जाने के कारण ही राजद सांसद को तिहाड भेजा गया. अपने नेता के रूख को देखते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया. वहीं, प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने भाजपा विधान पार्षद टुन्नाजी पांडेय के लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कडी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम लोगों के पास भी जुबान है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर उंगली उठायी तो काट देंगे. बर्दाश्त की भी कोई सीमा होती है.
नीतीश जी पर बार-बार आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं
उस सीमा को, लक्ष्मण रेखा को मत पार करो. ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा. कोई माई का लाल पैदा हुआ है जो नीतीश कुमार को जेल भेजवा दे? संजय सिंह ने कहा कि टु्न्नाजी पांडेय पहले तो शराब व्यवसायी थे. शराब बंद है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है. नीतीश जी पर बार-बार आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं. सिर के ऊपर से पानी गुजर रहा है.
कहते हैं जेल भेजवा देंगे. अरे कोई माई का लाल पैदा हुआ है जो नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दे. उन्होंने कहा कि हमलोग गूंगा नहीं हैं. जदयू के नेताओं को भी बयान देने आता है. हालांकि हमलोग ऐसे नेता की नोटिस नहीं लेते. कौन है टुन्ना पांडेय? सब जानते हैं, इनका भाई किस दल से एमएलए है?
एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार किया
गौरतलब है कि टुन्नाजी पांडेय शराब के बडे़ कारोबारी रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि वे शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री से नाराज रहते हैं. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त की राजद से नजदीकियां बढा दी थीं. उन्होंने अपने भाई को राजद से विधानसभा के लिए टिकट दिलवाया और एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार किया.
इसके बावजूद भाजपा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी. वे अपने बयान जारी करते वक्त अक्सर राजद के झंडे और बैनर के साथ दिखा करते थे. विधान परिषद में उनका कार्यकाल कुछ ही दिनों का बचा है. ऐसे कहा जा रहा है कि ताजा बयानबाजी के जरिये उन्होंने राजद में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश की है.