स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की क्या भूमिका थी, आजादी की लड़ाई से मतलब था क्या?, सीएम नीतीश ने कहा-कुछ लोग काम कम करते हैं और छपते ज्यादा हैं...

By एस पी सिन्हा | Published: December 31, 2022 05:04 PM2022-12-31T17:04:31+5:302022-12-31T17:05:21+5:30

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त 2 शिक्षकों को भी सम्मानित किया। हर क्षेत्र में नियुक्ति के लिए आयोग का गठन किया गया है। खाली पदों को भरा जा रहा है। 

bihar cm nitish kumar attack bjp rss central government What role RSS in freedom movement meant freedom struggle | स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की क्या भूमिका थी, आजादी की लड़ाई से मतलब था क्या?, सीएम नीतीश ने कहा-कुछ लोग काम कम करते हैं और छपते ज्यादा हैं...

बिहार में शिक्षा की स्थिति काफी बेहतर हुई है।

Highlightsमुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि बच्चों को पढ़ाने में रुचि रखें। काम खूब करिये हम वेतन भी बढ़ाते रहेंगे। बिहार में शिक्षा की स्थिति काफी बेहतर हुई है।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को 530 लोगों को एक बार फिर से नियुक्ति पत्र दिया है। जिसमें उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के व्याख्याता, विश्वविद्यालयों एवं राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय के सहायक अध्यापक शामिल हैं।

कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा विभाग और विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त 2 शिक्षकों को भी सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में नियुक्ति के लिए आयोग का गठन किया गया है। जिसके माध्यम से खाली पदों को भरा जा रहा है। 

अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि बच्चों को पढ़ाने में रुचि रखें। काम खूब करिये हम वेतन भी बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा की स्थिति काफी बेहतर हुई है। अब बिहार से कोई मजबूरी में दूसरे राज्य पढ़ने न जाए। इस दौरान उन्होंने युवाओं की नौकरियों के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार आने वाले समय में ढेर सारी नौकरियां देंगी।

जिसके लिए विभागों को निर्देश दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ने इशारों ही इशारों में केंद्र सरकार और आरएसएस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग काम कम करते हैं और छपते ज्यादा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की क्या भूमिका थी? आरएसएस को आजादी की लड़ाई से मतलब था क्या? हमारे पिता आजादी की लड़ाई में शामिल थे, वे हमें एक-एक बात बताते थे।

बापू का योगदान को भूला जा सकता है क्या? लेकिन कुछ लोग आजकर अपने आप को सच्चा देशभक्त बताने पर तुले हैं। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना कहा कि आजकल नए भारत के नये पिता की चर्चा हो रही है। क्या किये हैं वे देश के लिए? कुछ काम किये हैं? कहां भारत आगे बढ़ा है, कौन सा काम हुआ है?

नई टेक्नोलॉजी जो आ गई है, उसका जबर्दस्ती रूप से उपयोग कर रहे है। नीतीश ने कहा कि केंद्र में जो सरकार है वो तो सिर्फ प्रचार ही करते हैं। पूरा फोकस प्रचार पर ही रहता है और मीडिया बिना मतलब के एकतरफा बयान छापा करता है। आज मीडिया वही लिखती है जो कहा जाता है।

अपने पुराने दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे आठवीं क्लास में पढ़ते थे तब से अखबार पढ़ रहे हैं। पहले अखबार पढ़ने से कई नई जानकारियां हासिल होती थी, लेकिन आज कुछ भी अनाप-शनाप छपता रहता है। उन्होंने मीडिया से कहा कि सब जगह देखते रहिएगा और जो मन में हो उसे छाप दिजिएगा। 

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