बिहार में बच्चों को एनआरसी और सीएए कानून के खिलाफ पढ़ाने का मामला, स्कूल के खिलाफ केस दर्ज
By एस पी सिन्हा | Published: April 9, 2021 04:29 PM2021-04-09T16:29:53+5:302021-04-09T16:33:06+5:30
बिहार के एक स्कूल में एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जो कथित तौर पर पढ़ाया जा रहा था, उसे लेकर केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
पटना:बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्रों को एनआरसी और सीएए कानून के खिलाफ पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है.
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने इसे देशद्रोह माना और केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिया. आयोग ने इस संबंध में तीन पेज की चिट्ठी पटना एसएसपी को भेजी है. इस चिट्ठी के आधार पर दानापुर थाना में कांड संख्या 258/21 दर्ज कर लिया गया है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने उसकी प्रति मुख्य सचिव, डीजीपी और पटना के जिलाधिकारी को भी भेजी थी. अब मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान का दायित्व दारोगा रीना कुमारी को सौंपा गया है. केस धारा 124 ए, 153 ए 505 (2) आईपीसीएण्ड 75 ऑफ जेजे एक्ट 2015 के तहत दर्ज किया गया है.
दरअसल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस स्कूल का निरीक्षण करने आये थे. इस दौरान संस्था में रखे कागजात को देखा तो वे भी हैरान रह गये.
स्कूल में बच्चों को देश में बने एनआरसी और सीएए कानूनों के खिलाफ जानकारी दी जा रही थी. इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
आयोग द्वारा भेजे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि स्कूल में रखे एक रजिस्टर में कानून के खिलाफ कई बाते लिखी गई है. इसी को आधार बनाते हुए स्कूल के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.
स्कूल के रजिस्टर में यह लिखा था कि इस कानून के तहत घर का दस्तावेज नहीं होने पर बेघर कर दिया जाएगा. बच्चों को यह पढाया जा रहा था कि एनआरसी और सीएए कानून नागरिकों के हित में नहीं है. इसलिए सभी को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए.
बच्चों को यह भी बताया जा रहा था कि जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखें जरूरत पडने पर काम आएंगे.
पत्र के अनुसार रजिस्टर के पेज 76 से 78 तक में दोबारा ग्रुप मीटिंग का जिक्र है. इसके अनुसार पांच लड़कियां ने एनआरसी और सीएए के बारे में लिखा है. मेरा नाम (अमूक) है. मैं सुबह चार बजे उठकर पढती हूं और अपने दोस्तों को भी पढने को बोलती हूं. एनआरसी के विरोध में मैं हूं, क्योंकि हमारे पास घर नहीं है तो डाक्यूमेंट्स कहां रखेंगे?
आयोग का कहना है कि ऐसी बातें बच्चों को देश के कानून के खिलाफ ले जाने वाली है.