नीतीश कैबिनेट ने लिया अहम फैसला, मां-पिता की सेवा नहीं की तो होगी जेल
By एस पी सिन्हा | Published: June 11, 2019 08:51 PM2019-06-11T20:51:32+5:302019-06-11T20:51:32+5:30
बिहार कैबिनेट की आज हुई बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. नीतीश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब बच्चों के लिए माता-पिता की सेवा करना अनिवार्य होगा. माता-पिता की शिकायत पर सेवा नहीं करने वाले बच्चों को जेल भी जाना पड़ेगा.
बिहार कैबिनेट की आज हुई बैठक में एक यह अहम निर्णय लिया गया है कि बिहार में रहने वाली संतान अगर अब मां-पिता की सेवा नहीं करेंगे तो उनको जेल की सजा हो सकती है. माता-पिता की शिकायत मिलते ही ऐसी संतान पर कार्रवाई होगी.
बिहार कैबिनेट की आज हुई बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है. नीतीश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब बच्चों के लिए माता-पिता की सेवा करना अनिवार्य होगा. माता-पिता की शिकायत पर सेवा नहीं करने वाले बच्चों को जेल भी जाना पड़ेगा.
इसी के साथ बिहार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री वृद्धा पेंशन योजना को अब राइट टू सर्विस एक्ट में शामिल करने का भी फैसला किया है. यही नहीं कश्मीर में पुलवामा और कुपवाड़ा की आतंकवादी घटनाओं में शहीद बिहार के जवानों के आश्रितों को सरकारी नौकरी मिलेगी.
यहां बता दें कि पुलवामा हमले में भागलपुर के शहीद रतन कुमार ठाकुर और मसौढ़ी के संजय सिन्हा के साथ कुपवाड़ा हमले में शहीद बेगूसराय के पिंटू कुमार सिंह शहीद हो गए थे.
कैबिनेट ने राज्य खाद्य आयोग के सदस्यों के आवास भत्ता में संशोधन करने, आवास भत्ता में वृद्धि करने के साथ बिहार नगर और निवेशन सेवा नियमावली 2019 की स्वीकृति प्रदान की है.
वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऋण की उगाही के लिए योजना तैयार की गई है. इसके तहत कुल 25 हजार 750.93 करोड़ रुपये की उगाही की जाएगा. वहीं 20 हजार 300 करोड़ रुपये की उगाही बाजार से की जाएगी.
इसके अलावे भागलपुर में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल निर्माण किया जाएगा, जिसमें 4 लेन होंगे. इसके साथ ही सुपौल में हाइड्रो पावर का एक्सटेंशन कर इससे 130 मेगावाट का उत्पादन किया जाएगा.
वहीं, डागमरा जल विद्युत परियोजना का एक्सटेंशन किया जाएगा. इसके लिए कुल 11.68 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है