Bihar Bridge Collapses: बिहार में लगातार एक के बाद एक पुल गिरने के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले एक महीने के अंदर प्रदेश में डेढ़ दर्जन से अधिक पुलों ने जल समाधि ले ली है। वहीं जारी क्रम में एक बार फिर निर्माणाधीन पुल के धराशायी होने से बवाल मच गया है। इस पुल की ढलाई 10 दिन पहले होने की बात बताई जा रही है। पुल का निर्माण करीब दो करोड़ की लागत से हो रहा था। वहीं पुल के गिर जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है। अब ताजा मामला कटिहार जिले के बरारी विधानसभा क्षेत्र में बकिया सुखाय पंचायत का है।
जहां गंगा नदी पर मतलूधार में लगभग दो करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हो रहा था। ढलाई के 10 दिन बाद ही पुल गिरने से क्षेत्र में कई तरह की चर्चा है। वहीं इस मामले में अधिकारी मौन हैं। जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा से इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि इस बात की अब तक उनके पास आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
बताया जा रहा है कि नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरा है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2023 में ही पूरा हो जाना था। लेकिन बाद में इसका डेडलाइन 24 जुलाई 2024 कर दिया गया था। इस सड़क और पुल के बन जाने से बकिया सुखाय के लोगों को काफी सहूलियत होने वाली थी। लेकिन यह प्रोजेक्ट अब बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत बन रही सड़क कटाव की भेंट चढ़ चुकी है। जबकि पुल का एक पाया पानी में धंस गया है। बता दें कि कुल 6 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस प्रोजेक्ट में 2 पुलिया का निर्माण होना था, जिसकी लागत करीब 2 करोड़ 40 लाख थी, जबकि अन्य राशि से सड़क का निर्माण होना था। उल्लेखनीय है कि बिहार में इस तरह के हादसे कई सालों से लगातार हो रहे हैं।
सरकारें बदलती रहीं मगर पुल गिरने की घटनाएं लगातार सामने आती रहीं। चाहे जदयू-राजद की सरकार हो या जदयू-भाजपा की सरकार। यह सिलसिला लगातार जारी रहता है। पुल गिरने का सिलसिला 18 जून से शुरू हुआ था। 18 जून को अररिया में पुल धराशायी हो गया था।
जिसके बाद 22 जून को सीवान में, 23 जून को मोतिहारी में, 27 जून को किशनगंज, 28 जून को मधुबनी, 30 जून को किशनगंज, 3 जुलाई को सिवान और सीतामढ़ी के पुल धाराशायी हो गए। सारण में तो 12 घंटे के अंदर 3 पुलों ने जल समाधि ले लिया। फिर किशनगंज जिले में कई पुल धाराशायी हो गए। अब कटिहार ने भी अपना खाता खोल लिया है।