Bihar Board BSEB 10th Result 2022: 500 में से 487 अंक लाकर रामायणी रॉय टॉपर, बिहार बोर्ड ने 34 दिन में रिजल्ट घोषित किया, 12 लाख परीक्षार्थी पास
By एस पी सिन्हा | Published: March 31, 2022 04:10 PM2022-03-31T16:10:53+5:302022-03-31T16:11:50+5:30
Bihar Board BSEB 10th Result 2022: शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि 16 लाख 11 हजार 999 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे.
Bihar Board BSEB 10th Result 2022: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 34 दिनों बाद मैट्रिक(10वीं) का परीक्षा परिणाम को जारी कर दिया है. मैट्रिक की परीक्षा में कुल 12 लाख परीक्षार्थी पास हुए हैं, जो 77.88 प्रतिशत है. biharboardonline.bihar.gov.in पर प्रकाशित किया गया है.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने परीक्षा परिणाम जारी करते हुए बताया कि औरंगाबाद जिले के दाउदनगर की रहने वाली रामायणी रॉय (500 में से 487 अंक) 97.18 प्रतिशत नंबर पाकर टॉपर बनी है. जबकि नवादा की सानिया एवं मधुबनी के विवेक सेकेंड टॉपर रहे हैं. थर्ड टॉपर प्रज्ञा कुमारी औरंगाबाद से हैं.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि 16 लाख 11 हजार 999 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. फर्स्ट डिवीजन 4 लाख छात्र पास हुए है. जबकि 5 लाख सेकेंड डिवीजन और तीन लाख थर्ड डिवीजन पास हुए हैं. दसवीं का परीक्षा परिणाम आज 31 मार्च को जारी करने के साथ ही बिहार बोर्ड ने एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है.
एक तरफ जहां दूसरे बोर्ड अभी फाइनल परीक्षा का भी आयोजन नहीं कर सके हैं, वहीं बिहार बोर्ड ने रिकॉर्ड दिनों में परीक्षा का परिणाम भी जारी कर दिया है. इसतरह उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन समाप्त होने के 11 दिन बाद ही जारी कर दिया है.
इसतरह से बिहार बोर्ड देश का पहला बोर्ड बन गया है, जिसने इंटर और मैट्रिक की बोर्ड परीक्षा 2022 का रिजल्ट रिकॉर्ड समय पर जारी किया है. दूसरे बोर्ड की तुलना में बिहार बोर्ड अब काफी आगे निकल चुका है और इसका सीधा लाभ बोर्ड से पास किये छात्र को मिलने वाला है. मैट्रिक की परीक्षा इस साल 2022 में 17 फरवरी से 24 फरवरी के बीच आयोजित हुई थी.
वहीं, गणित की परीक्षा मोतिहारी के 25 सेंटरों पर फिर से 24 मार्च को आयोजित की गई. इस साल मैट्रिक में कुल 16,48,894 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें 8,06,705 छात्राएं एवं 8,42,189 छात्र शामिल थे. इसके पहले बिहार बोर्ड ने इंटर परीक्षा का परीक्षा परिणाम भी रिकॉर्ड समय में एक महीने के अंदर ही जारी कर दिया था.