samrat chaudhary: लालू यादव के लाडले, पिता रह चुके हैं 7 बार विधायक, नीतीश विरोधी चेहरा होने से चमके सम्राट, 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव अहम
By एस पी सिन्हा | Published: March 23, 2023 05:04 PM2023-03-23T17:04:57+5:302023-03-23T17:10:42+5:30
Bihar BJP samrat chaudhary: कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट चौधरी बिहार के दिग्गज नेता रहे शकुनी चौधरी के पुत्र है। शकुनी चौधरी सात बार विधायक रहे हैं।
Bihar BJP Samrat Chowdhary: सम्राट चौधरी कभी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लाडले हुआ करते थे। सम्राट चौधरी 1990 से सक्रिय राजनीति में आये। 19 मई 1999 को बिहार सरकार में कृषि मंत्री के पद की शपथ ली। 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और निर्वाचित हुए। 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव अहम होगा।
साल 2010 में विधानसभा में विपक्षी दल के मुख्य सचेतक बनाए गए थे। 2 जून 2014 को शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन वर्ष 2014 में वह राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए थे। तब वह नीतीश कुमार के बेहद खास माने जा रहे थे। पार्टी में शामिल होते ही सम्राट चौधरी को पहले विधान पार्षद बनाया गया और फिर मंत्री बने।
लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिन नहीं चला। 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद, नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी और जीतन राम मांझी को बिहार का नया मुख्यमंत्री बना दिया। 2015 तक जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार के बीच जबर्दस्त दूरियां दिखने लगी और फिर जदयू दो खेमों में बंट गई।
उसवक्त सम्राट चौधरी जीतनराम मांझी मंत्रिमंडल में मंत्री थे और उन्होंने मांझी का साथ देना शुरू कर दिया। सम्राट चौधरी का नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने का सिलसिला यहीं से शुरू हो गया। कई सालों तक मांझी खेमे का हिस्सा रहने के बाद सम्राट चौधरी ने 2018 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिया।
तब भाजपा विपक्ष में थी और बिहार में जदयू-राजद की सरकार थी। सम्राट चौधरी की भाजपा में एंट्री होने की 2 वजहें थीं। एक कुशवाहा वोट और दूसरा उनका नीतीश विरोधी होना। भाजपा ने पहले उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया और फिर 2021 में विधान पार्षद और मंत्री। सम्राट चौधरी का 2021 में भाजपा कोटे से नीतीश कैबिनेट में शामिल होना भी नीतीश कुमार के लिए बड़ा धक्का माना गया।
इससे पहले की भाजपा-जदयू सरकारों में वही चेहरे कैबिनेट में शामिल हुए हैं, जो नीतीश कुमार की पसंद के रहे थे। चाहे वह नेता जदयू का हो या भाजपा का। 2021 के नतीजों ने जदयू को सीटों के मामले में बेहद कमजोर कर दिया है। सम्राट, भाजपा में उन गिने-चुने नेताओं में से एक हैं, जो दूसरी पार्टी से आने के बावजूद इतनी जल्दी मंत्री पद तक पहुंच गए।
पार्टी में उनकी तरक्की की बड़ी वजह उनका नीतीश विरोधी होना ही है। सम्राट चौधरी भाजपा की तरफ से जदयू और नीतीश कुमार पर बयानी हमले करते रहते हैं। वे अपने बयानों से नीतीश कुमार की उस राष्ट्रीय नेता की छवि को तोड़ते हैं, जिसे बनाने की कवायद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी करती रहती है।
बिहार भाजपा की जिम्मेवारी मिलते ही सम्राट चौधरी ने किया ऐलान, कहा-मैं पिछले 17 सालों का हिसाब भी नीतीश कुमार से लूंगा
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को साथ रखना और पार्टी को मजबूत करना हमारा मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने आगामी चुनाव को लेकर ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि 2024 में हम 40 सीटों पर जीत हासिल करेंगे और 2025 के विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर सरकार बनाएंगे।
बड़ी जिम्मेदारी सौंपने को लेकर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद भी दिया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि भाजपा ने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसके लिए जेपी नड्डा, अमित शाह, प्रधानमंत्री मोदी को मैं धन्यवाद करता हूं। जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है उसे मैं बखूबी निभाने की कोशिश करूंगा।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले 17 सालों का हिसाब भी नीतीश कुमार से लूंगा। जनता ने जो जिम्मेदारी उन्हें दी थी, उन्होंने पूरा किया या नही। नीतीश कुमार हमारे विरोधी हैं, इसलिए जीत की गारंटी है। 33 साल बिहार में राज करने के बाद भी बिहार विकसित नहीं हो पाया।
इसके लिए लालू और नीतीश दोषी हैं। बता दें कि एनडीए की सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज विभाग के मंत्री थे। सम्राट चौधरी वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। इससे पहले डा. संजय जायसवाल बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।