राजद के साथ जाने पर मुख्यमंत्री पद हाथ से जाता देख जदयू ने बदला राग, भाजपा-जदयू के बीच संबंधों की होने लगी समीक्षा
By एस पी सिन्हा | Published: August 8, 2022 08:43 PM2022-08-08T20:43:27+5:302022-08-08T20:46:16+5:30
सूत्रों की मानें तो जारी सियासी तनातनी के बीच भाजपा और जदयू के बीच संबंधों की समीक्षा होने लगी है। अभी तक अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ जा सकती है।
पटना: बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम बड़ी तेजी से बदल रहा हैं। पल-पल बदलती परिस्थति और नेताओं के बयान से सरकार की सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है। राजद के साथ जाने की स्थिती में मुख्यमंत्री पद गंवाने की संभावना को देखते हुए नीतीश कुमार बैकफुट पर भी आ सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो जारी सियासी तनातनी के बीच भाजपा और जदयू के बीच संबंधों की समीक्षा होने लगी है। अभी तक अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ जा सकती है।
लेकिन राजद के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की शर्त लगाए जाने की बात दोहराए जाने के बाद राजद की ओर से बयान आया कि नीतीश कुमार के साथ राजद का कोई गठबंधन नहीं होने जा रहा है। इसके बाद शाम होते-होते जदयू का भी जोश ठंडा पड़ गया है और उसके भी सुर नरम पड़ गए हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अब राजद के साथ जाने वाली खबरों का खंडन किया है।
वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने भी साफ कह दिया है कि एनडीए में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है। विजय चौधरी ने किसी राजनीतिक उलट-फेर से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है, जिसका लोग चित्रण कर रहे हैं। यह सामान्य राजनीतिक गतिविधि है।
भाजपा-जदयू के गठबंधन पर कहा कि अभी हम लोग साथ मिलकर चल रहे हैं। गठबंधन नहीं चलेगा, ऐसा फिलहाल नहीं दिख रहा है। उन्होंने मुख्य विपक्षी दल राजद से जदयू की नजदीकियों की चर्चाओं से संबंधित सवाल पर कहा कि इसका लक्षण मुझे नहीं दिख रहा है।
सूत्रों के अनुसार राज्य में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच राजद के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समर्थन देने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। राजद के वरिष्ठ नेता अलग-अलग सूर में बयान दे रहे हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आज यहां तक कह दिया कि अब राजद और जदयू का गठबंधन कभी नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ हम लोग सरकार नहीं बनाएंगे। सरकार बनाने के लिए नीतीश को आमंत्रण भी हम नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन में नहीं आएंगे। हमने उनको आने के लिए कहा ही नहीं है। जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवनंद तिवारी ने कहा कि नीतीश अगर भाजपा से अलग होते हैं तो हम छाती खोलकर उनका स्वागत करेंगे। हालांकि राजद ने साफ कर दिया है कि किसी भी मसले पर पार्टी में अंतिम निर्णय तेजस्वी यादव का ही होगा।