भागलपुर विधानसभा चुनावः एलजेपी के कारण भाजपा की हार, कांग्रेस के अजीत शर्मा 1113 वोट से जीते
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 10, 2020 11:15 PM2020-11-10T23:15:38+5:302020-11-10T23:17:12+5:30
भागलपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी रोहित पांडेय को मामूली वोटरों के अंतर से हरा दिया। हालांकि लोजपा के कारण भाजपा की हार हुई।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मतगणना जारी है। भागलपुर में सात विधानसभा सीट हैं। यहां पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन में था।
भागलपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी रोहित पांडेय को मामूली वोटरों के अंतर से हरा दिया। हालांकि लोजपा के कारण भाजपा की हार हुई। कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को 65502 वोट मिले। भाजपा के रोहित पांडेय 64389 मत प्राप्त किए। लोजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने 20523 वोट लाकर भाजपा उम्मीदवार को हारा दिया।
सुल्तानगंज में जदयू और कांग्रेस के बीच बहुत अधिक वोटों का अंतर नहीं है। भागलपुर, गोपालपुर, कहलगांव और बिहपुर में एनडीए का अंतर हजार से ज्यादा हो गया है। महिला आइटीआइ में जिले के, सुल्तानगंज, कहलगांव और पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गिनती चल रही है। प्रशासन की लचर व्यवस्था की वजह से वोटों की गिनती 9 बजे के बाद शुरू हुई।
बिहार चुनाव सफलता दर : भाजपा, वाम का अच्छा प्रदर्शन, जद(यू), कांग्रेस पिछड़े
बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के प्रतिशत के लिहाज से भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि उसके सहयोगी जद (यू) का प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा है। विपक्षी खेमे की बात करें तो वाम मोर्चे का सफलता प्रतिशत अपने सहयोगियों में काफी बेहतर है। निर्वाचन आयोग (ईसी) की वेबसाइट के नवीनतम रुझानों के मुताबिक भाजपा ने कुल 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिनमें से 74 पर वह जीती है या उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। उसकी सफलता की दर 65 प्रतिशत से ऊपर है जबकि जद (यू) की सफलता दर 40 प्रतिशत से भी नीचे है।
विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस का सफलता प्रतिशत 30 प्रतिशत से भी कम रहा जबकि वाम मोर्चे की सफलता दर 60 प्रतिशत के करीब रही। वहीं, राजद की सफलता दर 50 प्रतिशत से ऊपर है। राजग के अंदर बात करें तो जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(सेक्यूलर) की सफलता दर करीब 40 फीसद के आसपास है जबकि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) इस आंकड़े से नीचे है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम की सफलता दर करीब 25 प्रतिशत है जबकि चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोकजनशक्ति पार्टी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
लोजपा ने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह अपनी दो सीटों को बरकरार रखने में भी संघर्ष करती नजर आ रही है। मत प्रतिशत की बात करें तो निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक राजद को जहां करीब 23 प्रतिशत मत मिलने नजर आ रहे हैं, वहीं भाजपा को करीब 20 प्रतिशत मत मिलते दिख रहे हैं। जद (यू) को 15 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले हैं तो कांग्रेस का मत प्रतिशत दहाई में भी पहुंचता नहीं दिख रहा। लोजपा को करीब पांच प्रतिशत मत मिलते दिख रहे हैं।