बिहार विधानसभा का मानसून सत्रः तेजस्वी यादव ने उठाया विधायकों की पिटाई का मामला, सरकार से की माफी मांगने की मांग

By एस पी सिन्हा | Published: July 27, 2021 06:48 PM2021-07-27T18:48:51+5:302021-07-27T18:52:10+5:30

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी राजद और माले के कई विधायक हेलमेट लगाकर विधानसभा पहुंचे। दूसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा। पक्ष-विपक्ष में तीखी तकरार हुई।

Bihar assembly monsoon session: Tejashwi Yadav raised the issue of beating up the MLAs, demanded an apology from the government | बिहार विधानसभा का मानसून सत्रः तेजस्वी यादव ने उठाया विधायकों की पिटाई का मामला, सरकार से की माफी मांगने की मांग

तेजस्वी यादव। (फाइल फोटो)

Highlightsबिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी कई विधायक हेलमेट लगाकर विधानसभा पहुंचे। तेजस्‍वी यादव ने 23 मार्च को विधायकों से मारपीट और जातीय जनगणना को लेकर दो प्रस्‍ताव रखे।कुछ विधायक साइकिल से विधानसभा पहुंचे और पेट्रोल-डीजल की महंगाई पर घेरने की कोशिश की।

पटनाःबिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी राजद और माले के कई विधायक हेलमेट लगाकर विधानसभा पहुंचे। दूसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा। पक्ष-विपक्ष में तीखी तकरार हुई। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने 23 मार्च को विधायकों के साथ मारपीट और जातीय जनगणना को लेकर दो प्रस्‍ताव रखे। उन्‍होंने बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को विधायकों के साथ हुई मारपीट के मुद्दे पर सरकार से माफी मांगने की मांग की। 

इसके साथ ही कुछ विधायक साइकिल से विधानसभा पहुंचे और सरकार को पेट्रोल-डीजल की महंगाई पर घेरने की कोशिश की। महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेसी विधायकों ने भी विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। विधायकों से मारपीट मामले में दो पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हुई निलंबन की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए तेजस्‍वी ने कहा कि इस मामले में सदन में बहस होनी चाहिए। जातीय जनगणना को लेकर उन्‍होंने मुख्यमंत्री की अगुवाई में विधानसभा की कमेटी के गठन की मांग की जो इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात करे। हालांकि सत्र के दूसरे दिन विधायकों के साथ हुई मारपीट के मुद्दे पर सदन बंटा नजर आया। विपक्षी सदस्‍य जहां इस मामले में सख्‍त कार्रवाई की जरूरत बताते रहे वहीं सत्‍ता पक्ष के सदस्‍यों ने आसन पर भरोसा जताया। 

विधायकों के साथ मारपीट मामले को उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि 23 मार्च की घटना क्यों घटी सब जानते हैं। लोकतंत्र के मंदिर में विधायक की पिटाई होती है। इस पर सिर्फ दो सिपाही निलंबित किए गए, कल तो कोई पुलिस वाला विधायक को गोली मार देगा और उसे सिर्फ निलंबित किया जाएगा। ऐसे में 23 मार्च की घटना पर सदन में बहस होनी चाहिए। इससे सदन में लगे दाग को हटाया जा सकता है। इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायक खडे़ हो गयए और विरोध करने लगे। सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा विरोध करने के बाद राजद व अन्य विपक्षी विधायक भी खडे़ हो गए और हंगामा करने लगे। हंगामा करते देख विधानसभा अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव को बैठा दिया। बड़ी मुश्किल से दोनों पक्ष के विधायकों को शांत कराया गया। 

तेजस्वी के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वाकई में 23 मार्च का दिन काफी दुखद है। उस दिन की घटना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना थी। आखिर लोकतंत्र बसता कहां है? हम सबको जनता ने जनहित के काम करने के लिए भेजा है। हम जो विधानसभा में बात करते हैं, उसकी न्यायालय में समीक्षा नहीं हो सकती। उच्चतम न्यायालय ने 10 दिन पहले केरल के मामले में टिप्पणी की है? उन्होंने कहा कि अगर आप सदन में कोई आपराधिक कृत्य करते हैं, तो ठीक नहीं है। हमको सदन का सदस्य होने के नाते सचेत होने की जरूरत है। यह समय सचेत होने के लिए है। अगर सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढी हमें माफ नहीं करेगी। हमारा ऐसा आचरण नहीं हो कि दूसरे विंग को हस्तक्षेप करने का मौका मिले। 

मंत्री विजय चौधरी ने केरल के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को सदन में रखा तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विरोध किया। विजय चौधरी ने सदन में कहा कि हम तो सभी को सचेत कर रहे हैं। सुप्रीमकोर्ट ने क्या कहा- अगर विधानसभा में कुर्सी-टेबल-माईक तोड़ा जाता है तो उस पर पब्लिक प्रोपर्टी क्षति करने का मामला बनता है। मंत्री ने कहा कि हमें इस तरह के कृत्य से बचना चाहिए, जहां तक 23 मार्च को विधानसभा में जो कुछ भी बातें हुई इस पर निर्णय लेने का विधानसभा अध्यक्ष को पूरा अधिकार है। इसमें सरकार कहीं नहीं है, जिसके कारण उस दिन काला दिन विधायिका में जुड़ा। उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। चाहे विधायक हो या कोई अधिकारी हो जिस किसी ने भी आपराधिक कृत्य किया उस पर आसन कार्रवाई करे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 23 मार्च के दिन जो वाकया हुआ, उसमें दो जांच चल रही है। पहले मामले में विधानसभा की आचार समिति जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट के बाद दोषी विधायकों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरे मामले में सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में जांच चल रही है। कुछ कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पहले भी विधानसभा में हंगामा करने वाले विधायकों पर कार्रवाई की गई है। 23 मार्च को जिस तरह से सदस्य उद्वेलित थे, उसके मद्देनजर कठोर निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा। 

 

Web Title: Bihar assembly monsoon session: Tejashwi Yadav raised the issue of beating up the MLAs, demanded an apology from the government

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