बिहार विधानसभा का शुरू हुआ मॉनसून सत्र, हंगामे के बीच सबकी निगाहें खोजती रहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को
By एस पी सिन्हा | Published: June 28, 2019 02:38 PM2019-06-28T14:38:41+5:302019-06-28T14:38:41+5:30
सत्र में भाग लेने के लिए बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल व राजद की नेता राबड़ी देवी सदन पहुंची थी. उनके साथ उनके बडे बेटे तेज प्रताप यादव भी मौजूद थे. लेकिन, सबकी निगाहें बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को ढूंढ रही थी.
बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र की शुरुआत शुक्रवार (28 जून) से हुई और यह सत्र 26 जुलाई तक चलेगा. इस बीच इंसेफेलाइटिस (एईएस) से मौतों व बिगड़ती कानून-व्यवस्था सहित कई बड़े मुद्दों पर विपक्ष पहले दिन से हंगामा पर उतर आया है. खास बात यह भी कि लोकसभा चुनाव मे हार के बाद से राजनीति से लापता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मानसून सत्र के पहले दिन सदन में नहीं पहुंचे.
वहीं, सत्र शुरू होने के पहले भाकपा-माले के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करने की मांग की.
उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय इंसेफेलाइटिस को लेकर बड़ी बैठक के दौरान बच्चों की मौतों के सवाल पर विमर्श से अधिक क्रिकेट का स्कोर जानने में उत्सुक थे. उधर, इंसेफेलाइटिस की स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वासथ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे सो रहे थे.
इस दौरान सत्र में भाग लेने के लिए बिहार विधान परिषद में नेता विरोधी दल व राजद की नेता राबड़ी देवी सदन पहुंची थी. उनके साथ उनके बडे बेटे तेज प्रताप यादव भी मौजूद थे. लेकिन, सबकी निगाहें बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को ढूंढ रही थी.
सत्र के पहले दिन पत्रकारों ने तेजस्वी यादव को लेकर सवाल पूछे तो उनकी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी झल्ला उठीं. मीडिया ने जब राबडी देवी से पूछा कि मैडम तेजस्वी कहां हैं'. तो इस सवाल पर राबडी देवी का गुस्सा फूट पडा. उन्होंने मीडिया के लोगों को कहा कि तेजस्वी आपके ही घर में हैं. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि 'तेजस्वी जी' जल्द ही आयेंगे. वह किसी काम में व्यस्त हैं. वह बेकार नहीं बैठे हैं. वहीं, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि आज तेजस्वी आयेंगे या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन, वह मॉनसून सत्र में जरूर शामिल होंगे.
वहीं, सदन की कार्यवाही के दौरान तेजस्वी यादव सदन में नहीं दिखे. तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए आते हैं या नहीं, सबकी नजरें उन पर टिकीं हैं. यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद से तेजस्वी यादव कहां गये हैं? किसी को पता नहीं है. सोशल मीडिया पर भी वह फिलहाल सक्रिय नहीं हैं. वैसे, करीब महीने भर से 'गायब' नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इसमें शामिल होने की भी उम्मीद है.
इस सत्र के लिए विपक्ष के पास मुद्दों की भरमार तो है, लेकिन तेजस्वी के महीने भर से 'लापता' रहने का मुद्दा विपक्ष की धार को कमजोर करने के लिए काफी है.
यहां उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद जिस तरह से तेजस्वी यादव ने मैदान छोड़ दिया, इससे बिहार विधानमंडल में सबसे बड़ा दल बचाव की मुद्रा में है. आलम यह है कि उनके नेता कहां हैं? पार्टी इस बात का जवाब भी दे पाने में सक्षम नहीं है. हालांकि उनके इस सत्र में शामिल होने की उम्मीद है, बावजूद इसके यह मुद्दा विपक्षी दल को बचाव की मुद्रा अपनाने के लिए मजबूर कर सकती है.