बिहार विधानसभा चुनावः शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव और शरद यादव की बेटी सहित कई नेता हारे, चिराग पासवान के चचेरे भाई और बहनोई भी चित
By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2020 03:04 PM2020-11-11T15:04:35+5:302020-11-11T15:05:55+5:30
सर्वाधिक करीब डेढ़ दर्जन चेहरे राजद के थे. नेताओं के परिजनों की जीत का आंकड़ा देखें तो इसमें राजद सबसे आगे है. लेकिन इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान में कांग्रेस नेताओं के उत्तराधिकारी रहे।. वहीं लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के चचेरे भाई और बहनोई को भी हार का सामना करना पड़ा.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कई दिग्गज नेता अपने बेटे और बेटी को चुनाव लड़ा रहे थे और अपनी राजनीतिक विरासत को उनके माध्यम से आगे बढ़ाना चाहते थे. लेकिन बिहार ने कई सीटों पर नकार दिया है. विभिन्न दलों ने इस बार करीब चार दर्जन ऐसे उम्मीदवार उतारे थे, जो किसी नेता के बेटा-बेटी, भाई या पत्नी हैं.
इनमें सर्वाधिक करीब डेढ़ दर्जन चेहरे राजद के थे. नेताओं के परिजनों की जीत का आंकड़ा देखें तो इसमें राजद सबसे आगे है. लेकिन इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान में कांग्रेस नेताओं के उत्तराधिकारी रहे।. वहीं लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के चचेरे भाई और बहनोई को भी हार का सामना करना पड़ा.
लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पटना के बांकीपुर से चुनाव लड़ रहे थे
सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर पटना के बांकीपुर से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन वह जीत नहीं पाए. पहली बार राजनीति में लॉन्च हुए थे. शत्रुघ्न सिन्हा भी भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. लेकिन लोकसभा का चुनाव हार गए थे. वहीं राजनीति के दिग्गज शरद यादव ने भी इस चुनाव में अपने बेटी राजनीति में लेकर आए.
चुनाव के कुछ दिन पहले वह कांग्रेस में शामिल हुईं. कांग्रेस ने सुभाषिनी शरद यादव को बिहारीगंज से टिकट दिया, लेकिन वह चुनाव हार गईं. इसके साथा ही कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह कहलगांव सीट से नौ बार विधायक रह चुके हैं. इस बार बेटे को आगे बढ़ाना चाहते थे. खुद न चुनाव लड़कर बेटे को टिकट दिलाया. लेकिन उनके बेटे शुभानंद पिता की परंपरागत सीट भी बचा नहीं पाए.
वह चुनाव हार गए. पूर्व मंत्री अवधेश सिंह के पुत्र डा. शशि शेखर वजीरगंज से हारे. पूर्व मंत्री स्व. बालेश्वर राम के पुत्र डा. अशोक कुमार रोसड़ा से हारे. पूर्व सांसद चंद्रभानु देवी की पुत्री अमिता भूषण बेगूसराय से हारीं. पूर्व मंत्री दिलकेश्वर राम के पुत्र राजेश कुमार कुटुंबा से जीते. पूर्व मंत्री विपिन बिहारी वर्मा के पोते विनय वर्मा नरकटियागंज से हारे. पूर्व मंत्री जुगेश्वर झा की पुत्री भावना झा बेनीपट्टी से हारीं.
जयप्रकाश नारायण यादव ने अपनी बेटी दिव्या प्रकाश को आगे लेकर आए
वहीं, राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव ने अपनी बेटी दिव्या प्रकाश को आगे लेकर आए, लेकिन पार्टी से टिकट दिलाकर तारापुर सीट से मैदान में उतार. तेजस्वी यादव समेत कई नेता प्रचार किए. इसके बाद भी दिव्या प्रकाश चुनाव हार गई. इस तरह के कई नेताओं के और बेटे बेटी और रिश्तेदार चुनाव हार गए.
हालांकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर से और तेजप्रताप यादव हसनपुर से जीते. जबकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह का पुत्र ऋषि सिंह ओबरा से जीते. पूर्व विधायक कुंती देवी का पुत्र अजय यादव अतरी से जीते. वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह रामगढ़ से जीते. पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी उर्फ मंटू शाहपुर से जीते.
जबकि तुलसी दास मेहता के पुत्र आलोक मेहता उजियारपुर से जीते. हालांकि पूर्व मंत्री राजेंद्र राय की पुत्रवधू एज्या यादव मोहिउद्दीननगर से चुनाव हार गईं. पूर्व विधायक फाल्गुनी यादव की पत्नी सावित्री देवी चकाई से चुनाव हार गईं. पूर्व मंत्री स्व. आनंद मोहन की पत्नी अनिता देवी नोखा से जीतीं. पूर्व विधायक स्व. भोला राय की बहू मंगीता देवी रुन्नी सैदपुर से हारीं.
पूर्व मंत्री शशि कुमार राय के भाई नंद किशोर राय बरूराज से हार गए. पूर्व केन्द्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम जोकीहाट से हारे गए. पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद सहरसा से हारी. हालांकि उनके पुत्र चेतन आनंद शिवहर से जीते. पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह महनार से जीत गई. पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर कुमार सिंह छपरा से हार गये, जबकि उनके भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर से जीते.
रामलखन सिंह यादव के पौत्र जयवर्धन यादव पालीगंज से हारे
उसीतरह रामलखन सिंह यादव के पौत्र जयवर्धन यादव पालीगंज से हारे. अली अशरफ फातमी के पुत्र मो. फराज फातमी दरभंगा ग्रामीण से हारे. पूर्व विधायक राम सेवक हजारी के पुत्र महेश्वर हजारी कल्याणपुर से जीते. समाजवादी नेता सुखदेव महतो के पुत्र कृष्णनंदन वर्मा जहानाबाद से हारे. पूर्व विधायक जगदीश प्रसाद चौधरी के पुत्र विजय चौधरी सरायरंजन से जीते. पूर्व विधायक गायत्री देवी के पुत्र कौशल यादव नवादा से हारे, उनकी पत्नी पूर्णिमा देवी भी गोविंदपुर से हारीं.
पूर्व सांसद राजो सिंह के पोते सुदर्शन कुमार बरबीघा से आगे. जबकि विधान परिषद में भाजपा के पूर्व नेता गंगा प्रसाद के पुत्र संजीव चौरसिया दीघा से जीते. पूर्व विधायक स्व. डीके शर्मा के पुत्र मनोज शर्मा गोह से हारे. पूर्व मंत्री विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह प्राणपुर से आगे. पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री श्रेयसी सिंह जमुई से जीतीं.
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा झंझारपुर से जीते. पूर्व मंत्री सीताराम सिंह के पुत्र राणा रणधीर सिंह मधुबन से आगे. पूर्व विधायक स्व. नवीन सिन्हा के पुत्र नितिन नवीन बांकीपुर से जीते. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेन्द्र मांझी मखदुमपुर से हारे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की समधन ज्योति बाराचट्टी से जीतीं. लोजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के भाई कृष्णराज रोसडा से हारे. वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बहनोई मृणाल राजापाकड़ से हारे.