'2025 से पहले हो सकता है बिहार विधानसभा का चुनाव', लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कार्यकर्ताओं को दिया तैयार रहने का निर्देश
By एस पी सिन्हा | Published: November 28, 2020 06:56 PM2020-11-28T18:56:35+5:302020-11-28T19:01:13+5:30
लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर चिराग पासवान ने एक पत्र लिखकर कहा है कि 2025 से पहले विधानसभा का चुनाव हो सकता है और कार्यकर्ता सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी करें.'
पटना: लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने आज बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थिति में जो सरकार चल रही है, वह कभी भी गिर सकती है. मैंने पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं से कह रखा है कि वह अपनी तैयारी मजबूती से रखें. चिराग पासवान ने बिना भाजपा का नाम लिये कहा कि हाल ही में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी ने बिना किसी गठबंधन और स्टार प्रचारकों के एक सीट पर जीत हासिल की है. लोजपा को 24 लाख वोट और लगभगत 6 प्रतिशत मत प्राप्त हुए, जो पार्टी के विस्तार का प्रतीक है.
लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर चिराग पासवान ने एक पत्र लिखकर कहा है कि 2025 से पहले विधानसभा का चुनाव हो सकता है और कार्यकर्ता सभी सीटों पर चुनाव की तैयारी करें.' पत्र में चिराग पासवान ने सबसे पहले अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि पापा अब हमारे बीच नहीं है जिससे हम सभी को अपूरणीय क्षति हुई है. उनकी अनुपस्थिति में पहली बार पार्टी ने कोई चुनाव लड़ा. 6 लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद वाली पार्टी के पास दो ही विकल्प था. पहला कि 15 सीटों पर चुनाव लड़े और दूसरा अधिकांश सीटों पर फ्रेंडली फाइट करें.
चिराग पासवान ने लिखा पत्र
ऐसे में पार्टी के ससंदीय दल ने दूसरा रास्ता चुना. बिहार फस्ट बिहारी फस्ट के संकल्प के साथ हमने 135 सीटों पर चुनाव लड़ा. 2015 में हुई विधानसभा चुनाव में हमने एनडीए के साथ चुनाव लड़ा और दो सीटों पर जीत हासिल की. लेकिन 2020 के चुनाव में हम अकेले लड़े, भले ही हमें एक सीटों का नुकसान हुआ, लेकिन हमने 24 लाख वोट हासिल करते हुए करीब 6 फीसदी वोट प्राप्त किये जो पार्टी के विस्तार का प्रतीक है. इसके साथ ही चिराग ने पत्र में आगे लिखा कि अगला विधानसभा का चुनाव 2025 से पहले ही हो सकता है. हम सभी को 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी अभी से ही शुरू कर देनी चाहिए. चिराग ने आगे लिखा है कि लोजपा के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान जी के आर्शीवाद से हम सभी बिहार फस्ट बिहारी फस्ट के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे.
आज लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पिता और संस्थापक स्व. रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया. उन्होंने कहा कि 2000 में लोजपा की स्थापना स्व. रामविलास पासवान जी ने की थी और आज पार्टी को बढ़ाने के जिम्म मेरे साथ उन तमाम कार्यकर्ताओं का है, जो पार्टी में विश्वास दिखाते हुए जुडे हुए हैं. लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि आज से 20 साल पहले स्व. रामविलास पासवान जी ने पार्टी का निर्माण किया तब से लेकर आज तक पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं.
पिता के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट नहीं मिलने की बौखलाहट में चिराग
चिराग ने कहा कि आज पार्टी को बेहतर बनने के लिए मेरे पिता ने बहुत मेहनत की. पार्टी ने देश की सांसद में कई ससंदों को पहुंचने का मौका रखा, जहां वो जनहित की बात रख सके. वहीं, चिराग ने ये भी कहा कि विधानसभा चुनाव के बीच रामविलास पासवान जी का निधन हमारे लिए बहुत बड़ी दुख की घड़ी थी. उनके निधन के बाद उनकी कमी को पूरा करना कठिन है. हमें उनके मार्गदर्शन की कमी जरूर महसूस हो रही है. पार्टी उनके विचारों को कैसे आगे लेकर बढती रहेगी, इस पर हमें हमेशा विचार करना होगा. हम लोगों ने कम से कम कभी किसी सिद्धांत के साथ समझौता नहीं किया.
लोजपा की स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में चिराग पासवान की खीझ साफ-साफ दिख रही है. पिता के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट नहीं मिलने की बौखलाहट भाजपा के कथित हनुमान चिराग पासवान के पत्र में दिख रही है. लिहाजा बिना नाम लिये लोजपा प्रमुख ने भाजपा पर हमला किया. चिराग ने लिखा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अकेले 135 प्रत्याशी मैदान में उतारे. वह 2015 में भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने से भी नाराज दिखे. भाजपा का नाम लिए चिराग ने लिखा है कि बिना गठबंधन और स्टार प्रचारकों की फौज के अपने दम पर बिहार में 24 लाख वोट हासिल करना मायने रखता है. मुझे गर्व है कि अकेले अपने झंडे के नीचे चुनाव लडकर पार्टी ने एक मजबूत जनाधार बनाया है. हमारी लडाई बिहार पर राज करने की नहीं, बल्कि बिहार को बेहतर बनाकर उस पर नाच करने की मुहिम में पार्टी लगी है, जिसके लिए पार्टी ने खुद संघर्ष का रास्ता चुना. आज मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि बिहार में 24 लाख लोग पापा की स्थापित पार्टी की मशाल मजबूती से थामे हुए हैं.
2019 लोकसभा चुनाव के बाद राज्यसभा भेजे गए थे रामविलास पासवान
यहां बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा गया था. पासवान को राज्यसभा भाजाअ और जदयू के सहयोग से भेजा गया था. नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि रामविलास पासवान अगर राज्यसभा सांसद बने थे तो उसमें जदयू का ही सहयोग था. यह चिराग पासवान को नहीं भूलना चाहिए. लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद जदयू किसी कीमत पर एनडीए के अंदर लोजपा को यह सीट देने को तैयार नहीं हुई. चिराग पासवान पूरी तरह से कोशिश में थे कि किसी तरह से सीट ले ली जाए. लेकिन नीतीश कुमार के सख्त रूख के बाद चिराग की मंशा कामयाब नहीं हुई.