बिहार विधानसभा चुनाव: PM नरेंद्र मोदी ने लालू-राबड़ी शासन काल पर कसा तंज, जंगलराज की दिलाई याद, यहां पढ़ें सबकुछ
By एस पी सिन्हा | Published: November 1, 2020 04:14 PM2020-11-01T16:14:20+5:302020-11-01T17:36:57+5:30
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो? किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी. ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई है.
पटना: बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों के लिए तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे खत्म हो जायेगा. उससे पहले एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छपरा में रैली की और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छपरा में रैली को संबोधित करते हुए बिहार के लोकआस्था के महापर्व छठ की चर्चा की और लोगों से कहा कि छठ पूजा को धूमधाम से मनाना है, इसके लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की माताओं को मैं कहना चाहता हूं कि तुम छठ पूजा की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है.
इस दौरान उन्होंने कोरोना लॉकडाउन के दौरान मुफ्त अनाज की सुविधा छठ पूजा तक देने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छता। गंगा जी के पानी को स्वच्छ करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उसका असर आप भी देख रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने सभा के दौरान एनडीए को वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा बिहार चुनाव में एनडीए मतलब- भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी, को समर्थन दें. प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कि दिल्ली के पॉलिटिकल पंडितों को 10 नवंबर को सबक मिल जाएगा. पहले चरण के मतदान के बाद पॉलिटिकल पंडितों ने अजीब तर्क दिए थे. सरदार साहब ने पूरा जीवन सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगाया की नहीं? सरदार साहब कांग्रेस पार्टी के थे कि नहीं? फिर भी कांग्रेस पार्टी कल सरदार पटेल की जन्म जयंती पर उनका स्मरण तक नहीं किया.
जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं: PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदियों के लंबे इंतजार के बाद, तप-तपस्या के लंबे दौर के बाद, जो अवसर आया है, उसके लिए रामायण की रचनास्थली से जुडे आप सभी को मैं बधाई देता हूं. बिहार के युवाओं को बिहार में ही अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले, ये बहुत जरूरी है. सवाल ये है कि ये कौन दिला सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को अंधेरे और अपराध की पहचान दी? वो लोग जिनके लिए रोजगार देना करोडों की कमाई का माध्यम है. या फिर नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए, जिसने बिहार को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालने का अद्भुत काम किया. रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा- आप मुझे बताइए, जंगलराज की विरासत, जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं? जो वामपंथी, नक्सलवाद को हवा देते हैं, जिनका उद्योगों और फैक्ट्रियों को बंद कराने का इतिहास रहा है, वो निवेश का माहौल बना सकते हैं क्या?
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डबल इंजन वाली एनडीए सरकार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लडाई लड रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुशासन से ही आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया जा सकता है. जिनकी नीयत खराब हो, जिनकी नीति सिर्फ गरीबों का धन लूटने की हो, जो निर्णय सिर्फ अपने और अपने परिवार को ध्यान में रखकर लेते हों, वो विकास के हर प्रयास का विरोध ही करेंगे.
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के लिए काम कर रही इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बडे-बडे बंगले बने, तो किसके बने? महल बने, तो किसके बने? बडी-बडी करोडों की गाडियां आईं, गाडियों का काफिला बना, तो किसका बना?
PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो. उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़े रहे. गरीबों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये डबल युवराज, बिहार के लिए नहीं सोच सकते, बिहार की जनता के लिए नहीं सोच सकते. उन्होंने कहा कि यूपी में एक बार डबल युवराज काले कोट पहनकर बस के ऊपर चढकर लोगों के सामने हाथ हिला रहे थे. यूपी की जनता ने वहां उन्हें घर लौटा दिया था. वहां के एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से मिल गये हैं. यूपी में जो डबल-डबल युवराज का हुआ, वो ही बिहार में होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां कहती थीं- घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकडसुंघवा’ घूम रहा है. बच्चों की माताएं उन्हें लकडसुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से. उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान में बिहार के लोगों ने जो उत्साह दिखाया है, उससे साफ संकेत है कि नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने जा रही है. वहीं विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जितनी गाली देनी है दो, लेकिन बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा मत उतारिए.
पीएम मोदी ने इस बुजुर्ग महिला का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विरोधी इतने बौखला गए हैं कि मोदी को भी गाली देने से बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार के लोगों की भावनाओं को ये लोग नहीं समझ सकते हैं. वो लोग अपने परिवार के लिए जी रहे हैं. उन्हें बिहार के लोगों से कोई लेना-देना नहीं है. जिनकी नजर बिहार के पैसे पर हो उनको गरीबों का दुख नहीं दिखेगा. उन्हें युवाओं के सपनों से कोई लेना-देना नहीं है. दशकों तक बिहार के गरीबों ने विकास का इंतजार किया है. वहीं, एनडीए का नेतृत्व में बिहार के गरीब के जीवन के मुश्किलों को कम कर रहा है. अब देश के गरीबों को विकास मिलने लगा है.
पीएम मोदी ने एक वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि एक वीडियो में एक बुजुर्ग महिला से पूछा कि मोदी को वोट क्यों दोगी तो उसने एक सांस में जवबा दिया. बुजुर्ग महिला ने कहा कि बिना रुके एक ही सांस में कहा कि मोदी हमरा के नल देलन, मोदी हमरा के बिजली देलन, मोदी हमरा के कोटा देलन, राश्न देलन, मोदी हमरा के पैसिंल दे, मोदी हमरा के गैस देलन उनका के न वोट दे, तो हम का तोहरा के देब. मोदी ने कहा कि आज बिहार की बेटियां और यहां के लोग एनडीए के विरोधियों से ये ही कह रहे हैं कि एनडीए के वोट न देब त तोहरा के देब. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में सरकार ने कही से लोगों के लिए अन्न की कमी नहीं की है. माताओं और बेटिय़ों को जन-धन अकाउंट के जरिए पैसे की भी कमी नहीं होने दी है. सरकार आगे भी इसकी कोई कमी नहीं होने देगी.
पुलवामा हमले को किया याद
उन्होंने कहा कि आज बिहार के गांव सडक, बिजली, पानी जैसी मूल सुविधाओं से कनेक्ट हो रहे हैं. अगर नीयत होती, इच्छाशक्ति होती, तो ये काम डेढ दशक पहले भी हो सकते थे. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार लोगों की हर परेशानी को समझते हुए काम कर रही है.पुलवामा हमले पर प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल में ही पडोसी देश ने सच्चाई को स्वीकार किया है. विपक्ष ने तोडा था सेना का मनोबल. उन्होंने बोला कि इससे उन लोगों के भी नकाब उतर गया, जिन्होंने पुलवामा के बाद हर वैसी बात की, जिससे हमारे जवानों का मनोबल टूटता है.
उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान से साफ संकेत हो गया है कि बिहार में नीतीश बाबू की सरकार बन रही है. ये समझकर कुछ लोगों के चेहरे की हंसी गायब हो गई हो गई है. बिना नाम लिए तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि अपने ही कार्यकर्ताओं को मारपीट रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले चरण के मतदान में आपने एनडीए को जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं और जिन्होंने भी मतदान किया है, उनका में अभिनंदन करता हूं. उन्होंने कहा कि चुनाव सभाएं तो हमने पहले भी देखी हैं, चुनाव में कितनी भी गर्मी आई हो, चुनाव कितना भी नजदीक क्यों न आ गया हो. तो भी सुबह 10 बजे से पहले इतनी बडी विशाल रैली कभी संभव नहीं होती.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप लोगों का यह प्यार, यह अपनापन कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा. उनकी रातों की नींद उड गई है, बौखलाहट में वे मोदी को गाली दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर पहले वाला ही हाल रहा हो, वहां उद्योग लगाने की बात तो छोडिए, उद्योग ही बंद हो जाएगी.
छपरा की रैली में रघुवंश बाबू को किया याद
प्रधानमंत्री मेादी ने कहा कि यह सच है कि बिहार के हजारों युवाओं का अलग-अलग कंपीटिशन की कोचिंग में, तैयारी में ऊर्जा, समय और पैसा दोनों लगता है. अब रेलवे, बैंकिंग और ऐसी अनेक सरकारी भर्तियों के लिए एक ही एंट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छपरा में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि रघुवंश बाबू के साथ क्या हुआ, यह पूरा बिहार देखा है. अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए रघुवंश बाबू का अपमान किया. उन्होंने कहा आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बडी-बडी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं? बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर थाे. सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था. फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो? किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी. ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई है.