Bihar assembly elections: जदयू और राजद में वाकयुद्ध, कहा-लालू-राबड़ी राज में मर्डर, अपहरण और डकैती...
By एस पी सिन्हा | Published: September 28, 2020 09:22 PM2020-09-28T21:22:34+5:302020-09-28T21:22:34+5:30
तेजस्वी के उस ट्वीट का जवाब भी जदयू की ओर से ट्वीट के माध्यम से दिया गया है. तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू ने पलटवार करते हुए जंगलराज की याद दिलाई है. जदयू ने कहा है कि लालू राज को जंगलराज के नाम से जाना जाता है. लालू-राबड़ी राज में मर्डर, अपहरण और डकैती होती थी.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही पक्ष-विपक्ष का एक-दूसरे पर हमले का दौर तेज हो गया है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला गया था.
अब तेजस्वी के उस ट्वीट का जवाब भी जदयू की ओर से ट्वीट के माध्यम से दिया गया है. तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू ने पलटवार करते हुए जंगलराज की याद दिलाई है. जदयू ने कहा है कि लालू राज को जंगलराज के नाम से जाना जाता है. लालू-राबड़ी राज में मर्डर, अपहरण और डकैती होती थी.
तेजस्वी के ट्वीट के जवाब में जदयू ने ट्वीट कर लिखा है कि "तेजस्वी जरा इस बात का भी हिसाब बताइये कि आपके पिताजी के 15 साल के शासन को बिहार के इतिहास का काला अध्याय क्यों बोलते हैं? क्यों उसे जंगलराज के नाम से जाना जाता है? बताइये उस राज में कितनी हत्याएं और किडनैपिंग हुई? बिहार में पलायन आपकी पार्टी के शासन में ही क्यों हुआ?"
रोजगार लाने के लिए युवाओं को अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल भी देना जरूरी
जदयू की ओर से आगे लिखा गया है.....रोजगार लाने के लिए युवाओं को अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल भी देना जरूरी है. आपके पिताजी के शासनकाल में कितनी शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण हुआ? रोजगार के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजली का होना भी जरूरी है. आपके पिताजी ने इन सबके लिए क्या किया? यह आप किसी भी बिहारवासी से पूछ सकते हैं.
जदयू ने सवाल किया है कि रोजगार के लिए आपका विजन क्या है? क्या आपको पता है कि पर्यटन से भी रोजगार आता है? पर्यटक बंदूक की नोंक पर नहीं लाए जाते. बेहतर सडकें, कानून का राज, पर्यटन स्थलों की बेहतर देखभाल और बिजली की व्यवस्था करनी पड़ती है.
खैर, लालटेन जलाने वालों से बिजली की बात न ही करें तो अच्छा है. बिहार में कितने पर्यटन कितने स्थल हैं, आपको मालूम भी है? दिल्ली तो बहुत घूमे होंगे आप, पर कुछ दिन तो बिताइये बिहार में भी. नीतीश जी ने बिहार को अंधेरे से निकाल कर उजाले में लाने का काम किया है. सोशल मीडिया से निकलकर सड़क पर निकलिए, अंतर समझ आ जाएगा.
पिछले 15 सालों में 2 लाख 63 हजार करोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए
जदयू ने आगे लिखा है कि पिछले 15 सालों में 2 लाख 63 हजार करोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए हैं. ये वही सडकें हैं जिन पर आपके बड़का भइया बीएमडब्लू चलाते हैं. अब बिहार में अनेकों शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण कराया जा चुका है. जहां बिहार के युवाओं को विश्व स्तर की शिक्षा के माध्यम से रोजगार व स्वावलंबन के नए रास्ते मिल रहे हैं.
शिक्षा, समृद्धि और सुशासन लेकर आती है ये बात आप जैसा कूपमंडूक ‘अधपढ़’ क्या जाने? जिन 10 लाख नौकरियों की आप बात कर रहे हैं क्या वह बेहतर शिक्षा, अच्छी सडकें, 24 घंटे बिजली, कानून का राज के बिना संभव भी है? आपके पिता जी ने नौकरी का झांसा दे-दे कर लोगों की जमीनें हड़प ली. शिक्षा के लिए चरवाहा विद्यालय खोलने वाले आज रोजगार के लिए अपने विजन की बात कर रहे हैं. कब तक युवाओं को बरगलाने का काम करेंगे?
दरअसल, तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा था कि "15 वर्षों की एनडीए सरकार से बिहार में नौकरी मांगना गुनाह है? नीतीश कुमार और भाजपा ने मिलकर विश्व में बिहार को बेरोजगार का केंद्र बना दिया है. युवा विरोधी इस सरकार से हक मांगो तो लाठी मिलती है."
इसी बेरोजगारी के बयान पर जदयू का गुस्सा तेजस्वी के ऊपर भड़का है और जदयू ने उन्हें जंगलराज की याद दिला दी और लालू-राबड़ी राज को काला अध्याय बताते हुए मर्डर, अपहरण और डकैती का हिसाब मांगा. इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी पोस्ट की है. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ नवजवान नौकरी मांगते दिखाए गए है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा यह कहा जा रहा है कि चुप हो जाओ, नौकरी मांगनी है तो यहां से दफा हो जाओ.