बिहार विधानसभा चुनावः सीट शेयरिंग पर चर्चा, सीएम नीतीश से मिले मंत्री चिराग पासवान, साथ दिखे अरुण भारती और विजय चौधरी
By एस पी सिन्हा | Updated: May 19, 2025 14:29 IST2025-05-19T14:28:33+5:302025-05-19T14:29:32+5:30
Bihar Assembly Elections: चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने की मांग से संबंधित एक पोस्टर के बाद जदयू ने मुख्यमंत्री पद को लेकर नीतीश कुमार की दावेदारी को दोहराया था।

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पटनाः केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान सोमवार की सुबह सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे। चिराग के साथ इस दौरान उनके जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती भी मौजूद रहे। वहीं मंत्री विजय चौधरी भी मौके पर मौजूद थे। वहीं, चिराग पासवान और नीतीश कुमार में सुबह- सुबह मुलाकात से सियासी हलचल तेज हो गई है। पिछले दिनों चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने की मांग से संबंधित एक पोस्टर के बाद जदयू ने मुख्यमंत्री पद को लेकर नीतीश कुमार की दावेदारी को दोहराया था।
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा हुई है। ऐसे में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान के बीच होने वाली मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
दरअसल जदयू, भाजपा, हम और लोजपा (रा) के बीच सीटों का तालमेल एक बड़ा मुद्दा है। चिराग पासवान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी को उसकी इच्छा से अधिक सीटें मिलेंगी, जैसा कि उन्होंने हालिया उपचुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर दावा किया है।
चिराग की पार्टी का कहना है कि उनकी पार्टी एनडीए के रहते हुए अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ भागीदारी निभाएगी। चिराग पासवान की पार्टी प्रदेश के सभी जिलों में बहुजन भीम संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन करेगी। इसके जरिए चिराग अपनी पार्टी को और मजबूत कर रहे हैं। वहीं चिराग पासवान की पार्टी का यह फैसला कहीं ना कहीं भाजपा की टेंशन बढ़ाने लगी है।
चिराग एनडीए में तो रहेंगे, लेकिन अगल से बहुजन भीम सम्मेलन भी करेंगे। राजनीतिक जानकारों की मानें तो चिराग इसके माध्यम से एनडीए में शामिल दलों को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं, ताकि जब 243 सीटों पर बंटवारा हो तो उनकी पार्टी मजबूत दिखे। सूत्रों की मानें तो ये संवाद कार्यक्रम चिराग पासवान के लिए आगामी विधानसभा चुनावों से पहले शक्ति प्रदर्शन का मंच बनेंगे।
इसके जरिए लोजपा(आर) न सिर्फ दलित और पिछड़े वर्गों में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है, बल्कि भाजपा और जदयू को भी यह संकेत देना चाहती है कि सीट बंटवारे में उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चिराग पासवान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा रहेगी। लेकिन वह गठबंधन के भीतर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखेगी।
लोजपा-आर की इस रणनीति को एनडीए के भीतर “सॉफ्ट दबाव राजनीति” के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान का रिश्ता कभी सहयोगी तो कभी विरोधी रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की जदयू के खिलाफ अलग राह चुनी थी, जिससे जदयू को नुकसान हुआ था।
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों नेताओं ने गठबंधन में एकजुटता दिखाई और चिराग की पार्टी ने हाजीपुर सहित पांच सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, नीतीश कुमार ने भी चिराग के लिए हाजीपुर में प्रचार किया जो उनकी जीत में निर्णायक साबित हुआ। इस मुलाकात को इस नई दोस्ती को और मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के रूप में देखा जा रहा है।