विधानसभा चुनाव 2025ः 15000 वोट से हारे प्रत्याशी होंगे 'बेटिकट'?, महागठबंधन का सिंबल नहीं, देखिए लिस्ट में कई माननीय
By एस पी सिन्हा | Updated: June 13, 2025 16:40 IST2025-06-13T16:39:01+5:302025-06-13T16:40:27+5:30
राजद नेतृत्व ने मामले को गंभीरता से लिया और पार्टी के शीर्ष नेता तेजस्वी यादव ने "कार्यकर्ता दर्शन" और संवाद यात्रा के जरिए जमीनी स्तर पर फीडबैक इकट्ठा किया।

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पटनाःबिहार विधानसभा चुनाव में किला फतह करने की तैयारी में जुटे महागठबंधन के घटक दलों ने पिछले विधानसभा चुनाव में 15,000 वोटों से अधिक अंतर से हार का सामना करने वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का निर्णय लिया है। अगर किसी तरह से टिकट मिल भी जाता है तो महागठबंधन का सिंबल नहीं दिया जाएगा। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान कई महागठबंधन के उम्मीदवारों ने यह शिकायत की थी कि विधायकों से उन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। जिससे उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद राजद नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पार्टी के शीर्ष नेता तेजस्वी यादव ने "कार्यकर्ता दर्शन" और संवाद यात्रा के जरिए जमीनी स्तर पर फीडबैक इकट्ठा किया। अब पार्टी ने तय किया है कि जो विधायक या नेता पार्टी के साथ गद्दारी या अंदरूनी नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे हैं उन्हें न तो बख्शा जाएगा और न ही टिकट दिया जाएगा। इन नेताओं की सारी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जा चुकी है और पूरी सूची तेजस्वी यादव के पास है।
इस फैसले के बाद महागठबंधन के भीतर कई नेताओं में संकट और असमंजस की स्थिति है। सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव इस बार संगठनात्मक मजबूती और वफादारी को सबसे बड़ी कसौटी मान रहे हैं और टिकट वितरण में कोई समझौता नहीं होगा। महागठबंधन के इस कड़े रुख ने साफ कर दिया है कि अब भावनाओं के नहीं, प्रदर्शन और प्रतिबद्धता के आधार पर टिकट मिलेंगे।
जो नेता संगठन के प्रति वफादार नहीं रहे उन्हें इस बार बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर बीते गुरुवार को महागठबंधन की चौथी बैठक हुई थी। बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि, 'पटना में इंडिया गठबंधन समन्वय समिति एवं उप समन्वय समिति के सदस्यों के साथ विमर्श हुआ।
उन्होंने कहा कि '20 वर्षों की एनडीए सरकार और उसकी जनविरोधी नीतियों व निर्णयों से हर बिहार वासी त्रस्त है। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, चहुंओर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं बदहाल शिक्षा-स्वास्थ्य और विधि व्यवस्था से लोग त्राहिमाम कर रहे है।
20 वर्षों को नीतीश-भाजपा सरकार हर मोर्चे पर पूर्ण रूप से विफल हो चुकी है। इंडिया गठबंधन के सही सहयोगी दल एकजुटता के साथ जनता की आकांक्षाओं के साथ कदमताल करते हुए 20 वर्षों की इस निकम्मी, नकारा व भ्रष्ट सरकार को हटाकर नए बिहार के निर्माण की नींव रखेंगे'।