Bihar Elections 2020: तेजस्वी यादव बोले- बीजेपी के पास चेहरा नहीं, बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज कब और कैसे मिला
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 22, 2020 01:52 PM2020-10-22T13:52:22+5:302020-10-22T13:52:22+5:30
महागठबंधन के सीएम प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के पास चेहरा नहीं है, वित्त मंत्री द्वारा विज़न डॉक्यूमेंट जारी कराया जा रहा है यानी इनके पास कोई चेहरा नहीं है। वित्त मंत्री से पूछिए कि बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज कब और कैसे मिला।
पटनाः राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर हमला बोला। कहा कि भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है। नीतीश कुमान जी थक गए हैं। उन्हें आराम की जरूरत है। बिहार में एनडीए की हार हो रही है। 10 नवंबर को जनता ने इतिहास लिख दिया है।
महागठबंधन के सीएम प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के पास चेहरा नहीं है, वित्त मंत्री द्वारा विज़न डॉक्यूमेंट जारी कराया जा रहा है यानी इनके पास कोई चेहरा नहीं है। वित्त मंत्री से पूछिए कि बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज कब और कैसे मिला। पूछिए कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला..क्या मिलेगा?
राजद नेता ने कहा कि 30000 करोड़ 60 घोटाले में बर्बाद किया
राजद नेता ने कहा कि 30000 करोड़ 60 घोटाले में बर्बाद किया। 500 करोड़ चेहरा चमकाने हेतु विज्ञापन पर, 24500 करोड़ जल जीवन हरियाली के नाम पर कार्यकर्ताओं को बाँट दिया। 10000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी शराबबंदी के नाम पर चला रहे है। मानव शृंखला पर हज़ारों करोड़ लूटा दिया।
नीतीश जी और सुशील मोदी को बजट का कैसे पता चलेगा? इनके कार्यकाल में सृजन, धान, तटबंध घोटाले सहित 30000 करोड़ के 60 घोटाले हुए है। यानि इन्होंने बिहार का 30 हज़ार करोड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। इन घोटालों को स्वयं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी विगत चुनाव में स्वीकार कर चुके है।
हमारी सरकार बिना भ्रष्टाचार पूरी पारदर्शिता से एक एक पैसा सही कार्य में लगाएगी, राज्य की उत्पादकता बढ़ाएगी, पूंजीपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर नए उद्योग लगाएगी और राज्य की आय कई गुणा बढ़ाएगी। नीतीश जी, आजकल कुछ भी बोल रहे है। शायद वो भूल गए है कि बिहार का वित्तीय बजट 2,11,761 करोड़ है, जिसका 40% उनकी सरकार अपनी ढुलमुल, ग़ैर-ज़िम्मेदारना, भ्रष्ट और लचर नीतियों के कारण खर्च ही नहीं कर पाती है और अंत में नाकामियों के कारण 80 हज़ार करोड़ रुपये हर वर्ष सरेंडर होता है।
BJP doesn't have a face for Bihar polls. Finance Minister had to come to release vision document. Since she's here, Sitharaman Ji should first tell why she never gave a special package & special state status to Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav on BJP's manifesto for #BiharPollspic.twitter.com/V01PAGY327
— ANI (@ANI) October 22, 2020
भाजपा का संकल्प पत्र जारी, कोरोना का मुफ्त टीका और 19 लाख नए रोजगार का वादा
बिहार चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को संकल्प पत्र ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25' जारी कर दिया जिसमें तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में 19 लाख नये रोजगार देने, कोरोना वायरस का नि:शुल्क टीका लगाने, महिलाओं के लिये सूक्ष्म वित्तपोषण की नयी योजना लाने और बिहार को सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाने सहित 11 संकल्प व्यक्त किये गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा का यह संकल्पपत्र जारी किया जिसे ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25' का नाम दिया गया है।
इसके तहत पांच सूत्र, एक लक्ष्य, 11 संकल्प रखे गये हैं। इसके साथ ही पार्टी ने 'भाजपा है, तो भरोसा है' का नारा भी दिया है। इस दौरान भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां सभी नागरिक राजनीतिक रूप से संवेदनशील और अच्छी तरह से सूचित हैं और वे उन वादों को जानते और समझते हैं जिन्हें पार्टी करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने भरोसे को आधार मानकर संकल्प पत्र तैयार किया है। हमारे हर संकल्प पत्र में वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता होती है। इसलिये जब कभी हमारे घोषणापत्र के बारे में पूछा जाता है तब हम उन्हें विश्वास के साथ जवाब दे सकते हैं कि हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते हैं।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस का टीका नहीं आता है, तब तक मास्क ही टीका है, लेकिन जैसे ही टीका आ जायेगा तो भारत में उसका उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि जब टीका तैयार हो जायेगा तब हर बिहारवासी को कोरोना वायरस का टीका निः शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब हम विकास की बात करते हैं तब 1990 से 2005 के 15 साल के शासनकाल और 2005 से 2020 के शासनकाल की तुलना करें तो स्थिति स्पष्ट होगी।