बिहार चुनावः नीति आयोग ने नीतीश के शासन को बताया फ़िसड्डी, विकास कामों पर उठाए सवाल, 28 राज्यों में सबसे ग़रीब
By शीलेष शर्मा | Published: October 22, 2020 07:06 PM2020-10-22T19:06:04+5:302020-10-22T19:06:04+5:30
आयोग ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिये 62 बिंदुओं पर देश के 28 राज्यों का मूल्यांकन किया और पाया कि अन्य राज्यों की तुलना में शासन व्यवस्था को लेकर बिहार पूरी तरह फ़िसड्डी साबित हुआ है।
नई दिल्लीः बिहार चुनाव जिस समय अपने चरम पर है नीति आयोग की 2019 -2020 सस्टेनेबल डवलपमेंट ग्रोथ रिपोर्ट ने नितीश सरकार को बेनक़ाब कर दिया है।
दरअसल इस रिपोर्ट में नीतीश के शासन को सबसे नाकारा शासन घोषित किया है। आयोग ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिये 62 बिंदुओं पर देश के 28 राज्यों का मूल्यांकन किया और पाया कि अन्य राज्यों की तुलना में शासन व्यवस्था को लेकर बिहार पूरी तरह फ़िसड्डी साबित हुआ है। इस रिपोर्ट ने विपक्ष को नीतीश सरकार पर हमला करने के लिये बड़ा मुद्दा हाथ दे दिया है।
आयोग ने रिपोर्ट तैयार करने के लिये जो बिंदु निर्धारित किये उसमें ग़रीबी बड़ा बिंदु था, आयोग ने पाया कि आज भी बिहार इन 28 राज्यों में सबसे ग़रीब प्रदेश है। राज्य की 33.74 फ़ीसदी आबादी ग़रीबी रेखा के नीचे पायी गयी। 12 वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने वाले सर्वाधिक क्षात्र बिहार में पाये गये।
प्रशिक्षित अध्यापकों की संख्या भी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम पायी गयी है। स्कूली छात्राओं के लिये शौचालयों की संख्या सबसे निम्न स्तर पर पायी गयी। कुपोषण के मामलों ने तो रिकॉर्ड ही तोड़ दिया , प्रदेश के 42 फ़ीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार आज भी बने हुये हैं।
गर्भवती महिलाओं में खून की की कमी का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है ,58 फ़ीसदी से अधिक महिलायें इसकी शिकार हैं। शासन और विकास से जुड़े ऐसे अनेक बिंदु हैं जिन पर बिहार सामान्य स्तर तक नहीं पहुँच पाया है, चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो अथवा रसोई गैस का आंकड़ा।
चूँकि जिस आयोग ने यह रिपोर्ट जारी की है उसके अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री मोदी हैं ,विपक्ष चुनाव में इसे बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है ,यह कह कर कि भाजपा एक तरफ लोजपा से मिली है तो दूसरी तरफ चुनाव के समय रिपोर्ट जारी कर नितीश पर हमला करा रही है जिससे नितीश के नेतृत्व वाली जेडीयू चुनाव परिणामों में सिमट कर हाशिये पर आ सके।