बिहार चुनावः राम विलास पासवान पर राजनीति तेज, जीतन राम मांझी ने पीएम को लिखा पत्र, जानिए क्या है मामला
By एस पी सिन्हा | Published: November 2, 2020 09:22 PM2020-11-02T21:22:22+5:302020-11-02T21:23:29+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है. ऐसे में अब चिराग पासवान ने इसका जवाब देते हुए सवाल उठाया है कि पिताजी जब अस्पताल में थे, तब मांझी ने क्या किया?
पटनाः बिहार चुनाव के आखिरी दो बचे मतदान के दौर के बीच अब पार्टियों के बीच निजी हमले होने शुरू हो गये हैं. तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार के जोर पकड़ते ही चुनावी अखाडे़ में अब रामविलास पासवान को लेकर सियासत गर्मा गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है. ऐसे में अब चिराग पासवान ने इसका जवाब देते हुए सवाल उठाया है कि पिताजी जब अस्पताल में थे, तब मांझी ने क्या किया? हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने ये पत्र लिखकर कई सवाल उठाते हुए चिराग पासवान को घेरने की कोशिश की है.
इस चिट्ठी में लिखा है कि देश के बडे नेता और आपके मंत्रिमंडल के सदस्य रहे रामविलास पासवान जी कुछ दिन पूर्व हमलोगों को छोड़कर स्वर्ग सिधार गये, उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. आज भी हम जैसे उनके प्रशंसक उन्हें याद कर दुखी हो जाते हैं, परंतु पूरे देश के दुख से अलग लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान उनके अंतिम संस्कार के दूसरे दिन ही एक शूटिंग के दौरान न केवल हंसते मुस्कराते दिखाई दिये, बल्कि कट-टू-कट शूटिंग की भी बात करते रहे.
इससे स्वर्गीय राम विलास पासवान जी के प्रशंसकों एवं परिजनों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. पत्र में लिखा है कि महोदय राम विलास पासवान के निधन से जुडे कई ऐसे सवाल हैं जो अपने आप में चिराग पासवान को कटघडे में खडे करता है. किसी केंद्रीय मंत्री के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने स्वर्गीय रामविालास पासवान जी का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया?
पत्र में यह भी सवाल खडे़ किए गये हैं कि आखिर किनके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने इलाजरत राम विलास पासवान से अस्पताल में सिर्फ तीन लोगों को मिलने की इजाजत दी? इसके अलावा भी ऐसे कई सवाल है, जिनका जवाब स्व राम विलास पासवान जी के परिजनों के साथ-साथ उनके प्रशंसक जानना चाहते हैं. जिसकी जांच आवश्यक है. पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी से स्वर्गीय राम विलास पासवान के निधन की न्यायिक जांच कराने के आदेश देने का आग्रह किया गया है.
वहीं, इसके जवाब में चिराग पासवान ने कहा है कि तब मेरे पिताजी (रामविलास पासवान) अस्पताल में थे तब मेरी बात मांझी जी से हुई थी. उस वक्त मैंने बता दिया था कि उनकी तबीयत बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि जब पिताजी जीवित थे और अस्पताल में थे उस वक्त क्या किया मांझी जी ने? आज वह इस तरह से बातें कर रहे हैं. इतनी चिंता उस वक्त क्यों नहीं थी? मुझे अब ये समझ नहीं आ रहा कि जो व्यक्ति आज इस दुनिया में नहीं है उस पर अब सब राजनीति करने को क्यों तैयार हैं?