बिहार विधानसभा चुनावः आखिरी चरण, प्रचार खत्म, 78 सीट पर सात को मतदान, एनडीए और महागठबंधन में टक्कर
By एस पी सिन्हा | Published: November 5, 2020 08:03 PM2020-11-05T20:03:23+5:302020-11-05T20:26:35+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के आखिरी चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन अपने संन्यास के बारे में संकेत देते हुए कहा कि यह उनका अंतिम चुनाव है. नीतीश कुमार के इस ऐलान से देश की राजनीति में नई हलचल मच गई और बिहार के रण में जदयू की एक नई रणनीति भी सामने आई.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण के चुनाव प्रसार का शोर आज ख़त्म हो गया. जिसके बाद अब आखिरी चरण का मतदान 7 नवंबर को 78 सीटों पर की जाएगी.
बता दें कि आखिरी चरण का मतदान है, जिसके बाद अब सभी दलों को 10 नवम्बर का इन्तजार होगा. जिसके बाद पता चलेगा की बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी किसके पास होगी. क्या एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने में सफल होंगे या बाजी तेजस्वी मारेंगे.
इसबीच ’सुशासन बाबू' के नाम से जाने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के आखिरी चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन अपने संन्यास के बारे में संकेत देते हुए कहा कि यह उनका अंतिम चुनाव है. नीतीश कुमार के इस ऐलान से देश की राजनीति में नई हलचल मच गई और बिहार के रण में जदयू की एक नई रणनीति भी सामने आई.
भावुक अपील का क्या असर पड़ा यह तो 10 नवम्बर को ही पता चलेगा
सात नवम्बर को 78 सीटों के लिए होने वाले मतदान से ठीक पहले बिहार के लोगों के सामने नीतीश कुमार की इस भावुक अपील का क्या असर पड़ा यह तो 10 नवम्बर को ही पता चलेगा. लेकिन फिलहाल बिहार में सबसे बड़ा सवाल यह है कि 43 साल से राजनीतिक सफलता की इबारत लिख रहे, अब तक छह बार मुख्यमंत्री रह चुके और 15 साल से बिहार पर एकछत्र राज कर रहे नीतीश क्या वाकई संन्यास ले लेंगे? क्या इस भावुक अपील के बाद उन्हें एक और मौका मिलेगा.
ये पार्टी के लिए और राज्य के हित में उचित नहीं है, अभी बिहार में नीतीश कुमार की आवश्यकता है। जिस गति और सच्चाई से नीतीश कुमार ने बिहार को आगे बढ़ाया है, उनके सामने अभी कोई विकल्प नहीं है। हम उनसे अनुरोध करेंगे कि वो इस पर पुनर्विचार करें:जीतन राम मांझी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री https://t.co/HhHTfS7HrJpic.twitter.com/GNYUGI4Ixi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2020
यहां उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण के चुनाव के लिए 33,782 मतदान केंद्र बनाए गए है. सबसे ज्यादा 28 प्रत्याशी मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से हैं. सबसे कम 9 प्रत्याशी जोकीहाट, बहादुरगंज, त्रिवेणीगंज और ढाका विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है. वाल्मिकी नगर लोकसभा सीट के लिए होने वाला उपचुनाव के लिए इसी फेज में वोट डाले जाएंगे. यहां सात उम्मीदवार मैदान में हैं.
कोसी और ब्राह्मण बहुल मिथिलांचल में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी
आखिरी चरण के चुनाव में मुस्लिम बहुल सीमांचल, यादव बहुल कोसी और ब्राह्मण बहुल मिथिलांचल में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. राज्य के 15 जिलों में होने वाले तीसरे चरण के चुनाव में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, दरभंगा, वैशाली, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर शामिल हैं. वहीं बात करें वोट प्रतिशत की तो आखिरी चरण में महज 9 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को ही टिकट मिला है.
मैं जो बात पहले से कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार जी थक चुके हैं, उनसे बिहार संभल नहीं रहा है। वो जमीनी हकीकत को पहचान नहीं पाए और जब उन्हें अहसास हुआ तो उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा कर दी: तेजस्वी यादव, राजद https://t.co/HhHTfS7HrJpic.twitter.com/kj3dcFaqB4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2020
कुल 110 महिलाएं ही चुनावी मैदान में हैं. इतना ही नहीं इन सीटों से जितने भी उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं उनमें भाजपा और कांग्रेस के दो तिहाई से ज्यादा प्रत्याशियों पर आपराधिक केस दर्ज हैं. राजद के भी 73 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. देखना बेहद दिलचस्प होगा कि इस आखिरी फेज में कौन सी पार्टी बाजी मरती है. हालांकि दो फेजों के मतदान में उम्मीद जताई जा रही है कि महागठबंधन से राजद आगे है तो वहीं एनडीए से भाजपा लेकिन इस आखिरी फेज में कौन आगे रहता है ये देखने वाली बात होगी. हालांकि 10 तारीख को तो साफ हो ही जायेगा की सत्ता में कौन आने वाला है.