Bihar Vidhan Sabha Election 2020: झामुमो ने कहा-राजद ने हमारे साथ मक्कारी की, सात सीटों पर चुनाव लड़ेंगे
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 6, 2020 09:25 PM2020-10-06T21:25:03+5:302020-10-06T21:27:50+5:30
महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महागठबंधन दलों से और विशेषकर राजद से बातचीत की थी। लेकिन राजद ने सीट देने से मना कर दिया।
रांचीः बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में एक और दल ने साथ छोड़ दिया है। जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी के बाद हेमंत सोरेन ने राजद छोड़ने का ऐलान किया।
महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महागठबंधन दलों से और विशेषकर राजद से बातचीत की थी। लेकिन राजद ने सीट देने से मना कर दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के नेतृत्व में बने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी।
पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने इसकी घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि राजद ने उनके साथ राजनीतिक मक्कारी की है लिहाजा ‘अच्छे दिन आने के अभी सिर्फ सपने देखने वाले लोगों’ से अलग अकेले ही वह चुनाव लड़ेगी। उन्होंने झामुमो द्वारा झारखंड की सीमावर्ती सात विधानसभा सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा है कि आगे दूसरे और तीसरे चरणों के लिए कुछ अन्य सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
बिहार में अकेले सात सीटों पर चुनाव लड़ेंगे
झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कहा कि राजद ने हमारे साथ मक्कारी की, बिहार में अकेले सात सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। लालू यादव ने सीएम सोरेन से कहा था कि हम झारखंड की तरह बिहार में चुनाव लड़ेंगे। झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद मिलकर चुनाव लड़े थे और भाजपा को शिकस्त दी थी।
झामुमो के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी। भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती, नाथनगर विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुवाई वाले महागठबंधन को चुनौती देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि झामुमो को उम्मीद थी कि लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय की लड़ाई में उसकी भी भागीदारी होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
बिहार में महागठबंधन के अगुवाई राजद के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे
भाजपा जैसी सांप्रदायिक और जनता दल (यूनाइटेड) जैसी नकारात्मक शक्तियों को परास्त करने के लिए वे बिहार में महागठबंधन के अगुवाई राजद के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे। इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा था कि झामुमो ने बिहार में राजद नीत महागठबंधन में शामिल होकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लगभग डेढ़ दर्जन सीटों की मांग की थी और उसे विश्वास है कि राजद उसे बिहार में छोटे भाई का सम्मान अवश्य देगा।
विनोद पांडेय ने कहा, ‘‘झारखंड गठबंधन सरकार में राजद छोटे भाई की भूमिका में है और हमने उसे पूरा सम्मान दिया है। ठीक इसी प्रकार बिहार में हम छोटे भाई की भूमिका में हैं और हमें पूरा विश्वास है कि राजद हमें छोटे भाई का उचित सम्मान देगा।’’ बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से जहां राष्ट्रीय जनता दल ने अपने पास 144 सीटें रखीं वहीं उसने कांग्रेस को 70 और वामपंथी दलों को 29 सीटें दी हैं।